Uri Terror Attack 2016: जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में आज ही के दिन 18 सितंबर 2016 को एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर आतंकवादी हमला हुआ था. जिसमें 16 भारतीय जवान शहीद हो गए. वहीं, सैन्य बलों के द्वारा जवाबी कार्यवाही में चार आंतकी मारे गए. यह भारतीय सेना पर किए गए 20 सालों में सबसे बड़ा हमला बताया जाता है.
उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया है. इनकी योजना के तहत ही सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया. हमलावरों के द्वारा निहत्थे और सोते हुए जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी ताकि ज्यादा से ज्यादा जवानों को मारा जा सके. आतंकियों ने एक के बाद एक करीब तीन मिनट के भीतर 17 हैंड ग्रेनेड फेंके. हथगोलों के हमले से फौजियों के टेंटों में आग लग गई और उसमें सो रहे जवान बुरी तरह झुलस गए. इस पर सेना के जवानों ने तुरंत जवाबी हमला किया और मुठभेड़ में चारों आतंकियों को मार गिराया. लेकिन अचानक हुए इस हमले में हमारे जवान भी शहीद हो गए. यह मुठभेड़ करीब छह घंटे तक चली थी.
आतंकियों ने रची थी गहरी साजिश
इस मुठभेड़ में हमलावरों का मुख्य उद्देश्य बटालियन हेडक्वार्ट्स के प्रशासनिक ब्लॉक में मेडिकल एड युनिट में घुसकर वहां खूनखराबा किया जाये और इसके बाद अंत में ऑफिसर्स मेस में घुसकर खुद को उड़ा लेना था. हालांकि पैरा स्पेशल फोर्सेज़ को प्रशासनिक ब्लॉक में उतारे जाने के फैसले की वजह से आतंकी अपने इन नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए.
आतंकी आकाओं ने बेहद गहरी साजिश के तहत इस हमले को अंजाम दिया. उन्होंने हमले के लिए उस वक्त को चुना था जब उरी कैंप से 10 डोगरा के जवान अपना कार्यकाल पूरा करके दूसरे मोर्चे पर जाने की तैयारी कर रहे थे और उनकी जगह 6 बिहार रेजीमेंट के जवान आ चुके थे।
पीएम मोदी ने दिया था सर्जिकल स्ट्राइक का फाइनल डिसीजन
इस हमलें के बाद पीएम मोदी ने समुचित कार्रवाई के स्पष्ट आदेश दे दिए जिसमें यह तय किया गया कि पाकिस्तान ने कायरता की सभी हदें पार कर चुका है इसलिए उसे जवाब भी सीमा पार करके दिया जाए. तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल (रिटायर्ड) दलबीर सिंह ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक का फाइनल डिसीजन पीएम मोदी का था और यह बहुत ही बोल्ड डिसीजन था.
भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया था मुंह तोड़ जवाब
इस हमले के महज 10 दिन बाद भारत ने पाकिस्तानी सीमा में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक कर बदला लिया. पाकिस्तान को सबक सिखाने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता था. इस ऑपरेशन में 150 कमांडोज की मदद से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया. भारतीय जवानों ने 28-29 सितंबर की दरम्यानी रात को पीओके में सीमा के भीतर तीन किलोमीटर अंदर तक घुसकर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर डाला. इसमें बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे. जम्मू-कश्मीर में तैनात अर्द्धसैनिक बलों की विभिन्न इकाइयों के कमांडों सहित भारतीय सेना ने सीमा पार कईं आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे. ये सभी ठिकाने आतंकवादियों के लांच पैड थे जिसके माध्यम से जम्मू-कश्मीर में सेना और नागरिकों पर हमले करने के लिए आतंकवादियों की घुसपैठ होती थी। इस कार्रवाई के साथ भारत ने यह संदेश दिया था कि वह जरूरत पड़ने पर सीमा पार भी आतंकियों के लॉन्च पैड पर हमले कर सकता है।