Aditya-L1: एल1 प्वाइंट की ओर बढ़ा स्पेसक्राफ्ट, पांचवीं और आखिरी बार आदित्य-एल1 ने बदली कक्षा

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Aditya L1 mission: इसरो के पहले सूर्य मिशन आदित्‍य एल1 को सूर्य के अध्‍यन के लिए स्‍पेस में भेजा गया है. जिससे जुड़े अपडेट लगातार सामने आ रहे है. ऐसे में ही इसरो ने एक बड़े अपडेट की जानकारी देते हुए कहा कि भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 ने पांचवीं बार कक्षा बदलने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और अब सूर्य और पृथ्वी के बीच एल1 प्वाइंट की ओर बढ़ गया है.


सूर्य के करीब जाएगा आदित्य एल1  
दरअसल, 15 सितंबर को ही इसरो ने बताया था कि आदित्य एल1 प्रक्षेपण के बाद से ही मिशन की पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में बंध कर परिक्रमा कर रहा है. इसकी परिक्रमा परिधि चार बार बढ़ाई गई, पांचवीं बार में मार्ग परिवर्तित कर इसे किसी गोफन की तरह सूर्य की ओर रवाना किया जाना है. जिसे ‘स्लिंग शॉट मनूवर’ कहते हैं.


कितने बार कक्षा बदल चुका है आदित्‍य एल1

आपको बता दें कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से देश का पहला सौर मिशन ‘आदित्य-एल1’ लॉन्च किया था. इसके बाद 5 सितंबर को आदित्य एल1 ने 282 किमी x 40225 किमी की कक्षा हासिल करके पृथ्वी से जुड़ा दूसरा अर्थ बाउंड पूरा किया था. वहीं, 10 सितंबर को रात करीब 2.30 बजे तीसरा अर्थ बाउंड मैन्यूवर पूरा करके आदित्य एल1 ने तीसरी कक्षा में प्रवेश किया था. इसके बाद 15 सितंबर को चौथी बार आदित्य एल1 की कक्षा बदली गई थी.

तारों को समझने में मदद करेंगा आदित्य-एल1
आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना यानी सूर्य की सबसे बाहरी परतों के दूरस्थ अवलोकन और सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु पर सौर हवा के यथास्थिति अवलोकन के लिए बनाया गया है जोकि पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है. इसरो का कहना है कि सूर्य हमारे सबसे करीब मौजूद तारा है. यह तारों के अध्ययन में हमारी सबसे ज्यादा मदद कर सकता है. इससे मिली जानकारियां दूसरे तारों, हमारी आकाश गंगा और खगोल विज्ञान के कई रहस्य और नियम समझने में मदद करेंगी.

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