Inverter Battery Refilling: आजकल अधिकांश घरों में इन्वर्टर का इस्तेमाल आम हो गया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि आज के समय में इन्वर्टर एक जरूरी चीज़ बन गई है. अगर आपके घर पर इन्वर्टर है तो यकीनन आप भी इसकी बैटरी में पानी रीफिल करते होंगे. बहुत कम लोग जानते हैं कि इसकी बैटरी में पानी डालते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. इन्वर्टर की बैटरी में पानी रिफिल करते समय लोग अक्सर कई गलतियां कर देते हैं. हालांकि इन्वर्टर की बैटरी के साथ किसी भी तरह की लापरवारी से इन्वर्टर पर गलत प्रभाव पड़ सकता है. कभी कभी यह ब्लास्ट भी कर सकता है. तो आइए जानते हैं बैटरी वाटर रिफिलिंग के समय किन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए.
चेक करते रहना ज़रूरी
इन्वर्टर के बैटरी को हमेशा चेक करते रहना चाहिए. अगर आप पानी नहीं फिल कर पाएं हैं, और बैटरी का पानी सूख गया है, तो सावधान रहें क्योंकि यह न सिर्फ बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि आग दुर्घटना का कारण भी बन सकता है. इन्वर्टर के इस्तेमाल के साथ पानी का लेवल कम होते जाता है, इसलिए हर डेढ़ महीने में इसे चेक करते रहें.
डिस्टिल्ड वाटर का यूज
इनवर्टर की बैटरी भरने के लिए केवल डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करना चाहिए. नल के पानी या यहां तक कि आरओ द्वारा शुद्ध किए गए पानी में अभी भी अशुद्धियां या मिनेरल हो सकते हैं, जो बैटरी लाइफ को कम कर सकते हैं. इसलिए इस बात का खास ख्याल रखें.
ओवरफिल करने से बचें
जैसे कम पानी का लेवल आपके इन्वर्टर के लिए नुकसानदेह होता है, वैसे ही ज़्यादा पानी भरने से इसकी परफॉर्मेंस भी प्रभावित हो सकती है. हर बैटरी पर पानी के लेवल को दिखाने वाले निशान होते हैं. यदि आप ओवरबोर्ड जाते हैं और हरे निशान के ऊपर भरते हैं, तो इससे इन्वर्टर का एसिड बहुत अधिक पतला हो सकता है. इसलिए ओवरफिल न करें.
वायरिंग देखना ज़रूरी
इन्वर्टर की बैटरी के साथ ही आपको इसकी वायरिंग पर खास नज़र रखनी चाहिए. ख़राब वायरिंग से आग और शॉर्ट सर्किट होने का खतरा रहता है.