PM Modi on Destination Wedding: पीएम मोदी को क्यों करनी पड़ी देश में ही शादी करने की अपील? जानिए वजह

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PM Modi on Destination Wedding: 23 नवंबर से ही शादियों के सीजन की शुरुआत हो चुकी है. आकड़ों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में लगभग 38 लाख शादियां होने वाली हैं. शादी के पल को यादगार बनाने के लिए कुछ लोग देश में ही रहकर शाही अंदाज में साथ फेरे लेते हैं तो वहीं, कुछ लोग विदेशों में जाकर डेस्टिनेशन वेडिंग करते हैं. वैसे तो डेस्टिनेशन वेडिंग हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है, लेकिन इस बार पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने तार छेड़ा है. उन्होंने देश के लोगों से अपील की है कि वे विदेशों में जाकर शादी न करें.

पीएम मोदी ने जताई चिंता
भारत रस्‍मों-रिवाज, परंपराओं और संस्कृति से जुड़ा हुआ देश है. यहां शादी को एक उत्सव की तरह सेलिब्रेट किया जाता है, लेकिन बदलते वक्त के साथ लोग इन परंपराओं को भूलकर एक दिखावटी भरी जिंदगी की ओर ज्यादा झुकाव कर रहे हैं. बीते कुछ वर्षों से डेस्टिनेशन वेडिंग का खूब ट्रेंड है. लोग अब अपनी गृह नगरी छोड़कर विदेशों में जाकर शादी कर रहे हैं. ये भले ही उनके लिए शाही दिखावा होगा, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था पर इसका भारी असर देखने को मिलता है.

दरअसल, बीते रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) में डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर चिंता जाहिर की है. पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि देश के लोग अपनी शादी विदेशों में जाकर करने की बजाए भारत में ही करेंगे तो, देश का पैसा कहीं बाहर नहीं जाएगा और अर्थव्यवस्था पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

डेस्टिनेशन वेडिंग क्यों है सबकी पहली पसंद
इवेंट प्लानर के मुताबिक, अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए लोगों की पहली पसंद डेस्टिनेशन वेडिंग होती है. वो पैसों के हिसाब से जगह का चुनाव करते हैं. डेस्टिनेशन वेडिंग करने का एक और कारण ये है कि, ज्यादत्तर लोग शादी की जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं. ऐसे में वो किसी होटल से शादी करते हैं, ताकि उन्हें सभी जिम्मेदारियों से छुटकारा मिले और वो शादी को इंजॉय कर पाएं. बीते कुछ वर्षों में थाईलैंड, वियतनाम, आबू धाबी, कतर, दुबई, इंडोनेशिया, मलेशिया जैसी जगहों पर डेस्टिनेशन वेडिंग की डिमांड बढ़ी हैं.

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शादियों में कितना खर्च होता है
रिपोर्ट के अनुसार इस सीजन राजधानी दिल्ली में चार लाख शादियां होने वाली हैं. जिसका खर्च सवा लाख करोड़ रुपये होगा. वहीं, भारत में 1.25 लाख करोड़ रुपये का बिजनेस होने की उम्मीद है. इस साल 50 हजार शादियों में 1 करोड़ रुपये, पांच लाख शादियों में 25 लाख रुपये, 10 लाख शादियाों में 10 लाख रुपये, 7 लाख शादियों में 15 लाख रुपये, 8 लाख शादियों में 6 लाख रुपये खर्च होने की उम्मीद है. ऐसे में अगर कोई देश से बाहर जाकर शादी करता है तो, देश की अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा.

देश की अर्थव्यवस्था को कैसा नुकसान
दरअसल, किसी भी शादी में सामान की खरीदारी में 50 प्रतिशत का खर्च होता है. बाकी 50 प्रतिशत होटल और अन्य चीजों में खर्च होता है. ऐसे में अगर कोई भारत में ही 50 प्रतिशत खर्च कर शादी की खरीदारी किया हो, लेकिन बचे 50 प्रतिशत दूसरे देश में जा रहा है. इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता है. वहीं, शादी का सीजन फोटोग्राफर, इवेंट मैनेजर जैसे कई लोगों का कमाई का जरिया होता है. उनकी ज्यादातर कमाई इसी सीजन में होती है. ऐसे में अगर कोई विदेश में शादी करता है तो, इसका नुकसान उन्हें भी झेलना पड़ता है.

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