प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मॉरीशस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल और प्रथम महिला बृंदा गोखूल को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक स्वरूप बिहार का प्रसिद्ध मखाना भेंट किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. इस यात्रा के दौरान उन्होंने मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल और प्रथम महिला बृंदा गोखूल को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और कृषि परंपरा से जुड़े विशेष उपहार भेंट किए. इन उपहारों में बिहार का प्रसिद्ध मखाना और बनारसी साड़ी शामिल थे, जो भारत की सांस्कृतिक और कृषि विरासत को दर्शाते हैं.
भारतीय संस्कृति और कृषि उत्पादों का अनोखा संगम
पीएम मोदी द्वारा भेंट किया गया मखाना, जिसे सुपरफूड के रूप में जाना जाता है, बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र की एक विशेष पहचान है. यह सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी होता है और अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी खास जगह बना चुका है. वहीं, बनारसी साड़ी भारत की पारंपरिक हस्तकला का प्रतीक है, जो अपने बारीक कढ़ाई और शानदार डिजाइनों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है.
भारत-मॉरीशस संबंधों को नया आयाम
भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध सदियों पुराने हैं. मॉरीशस में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी है, जो दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाती है. पीएम मोदी की यह यात्रा केवल राजनीतिक संबंधों तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें भारतीय संस्कृति, परंपरा और कृषि उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने का भी महत्वपूर्ण पहलू शामिल था.
मखाना और भारतीय कृषि उत्पादों का बढ़ता वैश्विक प्रभाव
भारत सरकार मखाना किसानों के लिए विशेष योजनाएं चला रही है, जिससे इसका उत्पादन और निर्यात बढ़ सके. बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना और आधुनिक तकनीकों को अपनाने से इस उद्योग में किसानों को अधिक लाभ हो रहा है. भारत अब चीन, कनाडा, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में मखाना निर्यात कर रहा है, जिससे भारतीय कृषि उत्पादों की वैश्विक बाजार में पहचान बढ़ रही है.
संस्कृति और व्यापार का संगम
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बनी. भारतीय संस्कृति और पारंपरिक उत्पादों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत कर उन्होंने न केवल मॉरीशस के साथ संबंध प्रगाढ़ किए, बल्कि भारत के कृषि और हस्तशिल्प उद्योग को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयां दीं.
इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी के उपहारों में छिपा गहरा संदेश यही था कि भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और कृषि परंपरा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.