Ajab Gajab News: कई बार प्रकृति अपने ऐसे अनोखे रूप दिखाती है कि हम आम इंसानों के साथ-साथ वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित रह जाते हैं. दुनिया में ऐसी बहुत सी घटनाएं घटती हैं जिस पर विश्वास करना भी मुश्किल हो जाता है. एक ऐसी ही घटना आज से 22 साल पहले दक्षिण भारत के केरल में हुई थी जिसे देखकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई थी. 25 जुलाई 2001 को केरल में खून के रंग की बारिश हुई थी. इस लाल रंग की बारिश को देखकर लोग दंग रह गए थे. आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या रहस्य था.
कब और कहां हुई थी खूनी बारिश?
आपको बता दें कि हम जिस खूनी बारिश की बात कर रहे हैं, वो आज से 22 साल पहले 25 जुलाई 2001 को दक्षिण भारत के केरल में हुई थी. दरअसल, केरल के दो जिलों कोट्टयम और इडुक्की में खून के रंग की बारिश हुई. अचानक उस दिन तेज आंधी चलने लगी थी. आंधियों के साथ-साथ बिजली भी कड़कने लगी. बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ मूसलाधार बारिश भी शुरू हुई. जब लोगों ने बारिश के पानी का रंग देखा तो वह दंग रह गए और उनकी आंखें फटी की फटी रह गई थीं. बारिश का रंग एकदम खून की तरह लाल था और सबसे आश्चर्य कर देने वाली बात यह थी कि बारिश का लाल रंग कपड़ों पर खून की तरह पीले दाग जैसा नजर आ रहा था. केरेला के लोगों ने इस बारिश को खूनी बारिश का नाम दे दिया.
इस बारिश की घटना को कुछ लोग इसे एलियन से जोड़ रहे थे, तो वहीं कुछ लोग प्रलय के शुरुआत के तौर पर देख रहे थे. लोग इसे एलियन से इसलिए जोड़ रहे थे, क्योंकि उनका मानना था कि ये बारिश दूसरे ग्रह की किसी शक्ति की वजह से हुई है. इसके बाद कुछ वैज्ञानिकों ने इसके पीछे उल्कापिंड के फटने का कारण बताया. हालांकि, ये सब थ्योरी बाद में गलत साबिक हो गई थी.
क्या इस खूनी बारिश का कारण एलियन थे?
इस बारिश के पानी का सैंपल सेण्टर फॉर अर्थ साइंस स्टडीज़ (CESS) के पास भेजा गया. इस मामले में CESS का कहना था कि ये बारिश उल्कापिंड के फटने की वजह से हो रही है. हालाँकि, बाद में इस थ्योरी को गलत साबित कर दिया गया. इसके बाद ट्रॉपिकल बॉटैनिकल गार्डन एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट के पास पानी के सैंपल को भेजा गया. वहां इसकी जांच में पुष्टी हुई कि बारिश का रंग लाल होने का कारण कुछ और नहीं, बल्कि एक प्रकार का शेवाल है. एक खास प्रकार के शेवाल की छोड़ी हुई काई और जीवाणुओं से ही ये खूनी बारिश हुई.
ये भी पढ़ें- Film Review: सीरिया में धार्मिक ठेकेदारों के बीच फंसी लड़की, रेस्क्यू मिशन की कहानी है ‘The Freelancer’