Power of Meditation: क्या इस बच्चे के पास है ‘तीसरी आंख’, आंखों में पट्टी बांध चलाता साइकिल और डालता है सुई में धागा

Ajab Gajab News: जब हमारी आंखें बंद होती है, तो कुछ भी देख पाना संभव नहीं होता है. कोई आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़ने, सुई में धागा डालने और साइकिल चलाने को कोई आपसे कहे, तो आप करेंगे. आमतौर पर ऐसा करना मुमकिन नहीं है, लेकिन हम आपको गुणवान बच्चे के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आंखों पर काली पट्टी बांधकर धड़ल्ले से सभी काम कर लेता है. आइए हम आपको इस खास बच्चे के बारे में बताते हैं…

ऐसे पहचान लेता है यश
दरअसल, ये अद्भुत बच्चा चित्रकूट का रहने वाला यश पटेल है. अभी यश कक्षा 8वीं का छात्र है. यश की मां बसंती देवी सरकारी स्कूल में टीचर और पापा नवल किशोर पटेल रेलवे में इंजीनियर हैं. ये जानकर आप हैरान हो जाएंगे की यश आंख पर पट्टी बांधकर अखबार भी पढ़ता है. ये तो कुछ नहीं हैं. वह बगैर देखे सुई में धागा भी डाल सकता है. जिन रंगों को हम खुली अंखों से नहीं पहचान पाते उन्हें यश बिना देखे आसानी से पहचान लेता है.

दरअसल, किसी आम इंसान के आंख पर पट्टी बांधकर पैदल चलना संभव नहीं होता. ऐसे में 13 साल का यश आंख पर पट्टी बांध साइकिल भी चला लेता है.

मेडिटेशन के जागृत करते हैं शरीर के सातों चक्र
इस मामले में खुद यश ने जानकारी दी. यश ने बताया कि जब वह अपनी थर्ड आई खोलते हैं, तो पहले ब्लर नजर आता है. हालांकि, थोड़े प्रयास के बाद उसे सब कुछ साफ-साफ नजर आने लगता है कि अखबार में क्या लिखा हुआ है. उन्होंने बताया कि वो सभी चीजें अपनी तीसरी आंख की मदद से करते हैं. उनके ऐसा कर पाने में मेडिटेशन का भी बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि मेडिटेशन आत्मविश्वास बढ़ता है.

मां करती हैं सपोर्ट
यश की मानें, तो वह सबसे पहले अपने सातों चक्र को जागृत करते हैं. उसके बाद वह बिना देखे अखबार पढ़ने के साथ ही सुई में धागा भी डाल पाते हैं. यश पहले मेडिटेशन करते हैं. इसमें उनकी मां उनका बहुत सपोर्ट करती हैं.

यश की मां ने कहा सभी में होती हैं प्रतिभाएं
इस मामले में यश की मां ने बेटे की प्रतिभा को लेकर कबीरदास का दोहा सुनाया. उन्होंने कहा, “गुरु कुम्हार शिष कुम्भ कि गढ़ि गढ़ि काढै खोट। अन्तर हांथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।।” मां ने कहा- आप बच्चों को जैसा बनाना चाहें बना सकते हैं. प्रतिभाएं सभी के अंदर होती हैं बस उनको पहचानने की जरूरत होती है. तीसरी आंख सभी के पास होती है, उसे जागृत करना पड़ता है.

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