Independence Day 2023: आज 15 अगस्त है आजाद भारत का स्वतंत्रता दिवस. जहां एक तरफ पूरा भारत 15 अगस्त को आजादी का जश्न मना रहा है, वहीं, भारत में ही कुछ ऐसी भी जगह है जहां 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता है. जी हां अब तक आपने आजादी से जुड़े बहुत से किस्से सुने होंगे, लेकिन इस किस्सा के बारे में शायद ही आपने पहले सुना होगा.
15 अगस्त को नहीं इस दिन मनाते हैं स्वतंत्रता दिवस
आपको बता दें कि भारत के ही पश्चिम बंगाल के कुछ जिले ऐसे हैं जो कि अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं बल्कि अलग-अलग दिन मनाते हैं. हम बात कर रहें हैं पश्चिम बंगाल के मालदा, नदिया और कूचबिहार जिले के कुछ इलाकों की, जो अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं बल्कि 18 अगस्त को मनाते हैं.
बंगाल की राजशाही का हिस्सा था मालदा
दरअसल, जब देश आजाद हुआ था तब पूर्वी बंगाल और उत्तर में पंजाब के साथ एक नया देश बनाया गया था. 1971 के पहले पूर्वी बंगाल पूर्वी पाकिस्तान था जो कि 1971 के बाद बांग्लादेश बना. असल में जब आजादी के समय मालदा नाम का कोई जिला नहीं था. पूरा जिला बंगाल की राजशाही का था. जो कभी भी पाकिस्तान में मिलना नहीं चाहता था. लेकिन फिर भी उसे पूर्वी पाकिस्तान में मिला दिया गया और उस वक्त 15 पुलिस थाने भी उनमें ही मिला दिए गए. लेकिन मालदा पाकिस्तान में नहीं शामिल होना चाहता था.
कैसे बना मालदह जिला
17 अगस्त को रेडियो पर घोषणा होने के बाद 5 पुलिस स्टेशन सीमा उस पार और 10 पुलिस स्टेशनों को इस पार मिला लिया जाए. फिर अगस्त को उन 10 पुलिस स्टेशनों को सीमा इस पार मिलाकर एक नया जिला मालदह बना दिया गया. इस लिए मालदा ही नहीं दक्षिण दिनाजपुर के बालुरघाट और कृष्णगंज के शिवनिबास में भी 15 अगस्त नहीं बल्कि 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं.
रैडक्लिफ को जाता है पूरा श्रेय
ऐसी ही घटना तत्कालीन नदिया जिले के रानाघाट, करीमपुर के साथ भी की गई थी. रैडक्लिफ ने इन्हें पाकिस्तान में मिला दिया था, जिसके कारण काफी विरोध हुआ और उन्हें गलती समझ आई. 17 अगस्त 1947 को एक संसोधन के जरिए इस गलती में सुधार किया गया.
18 अगस्त को ‘भारतभक्ति दिवस’
पूर्वी पाकिस्तान में चुआडांगा, कुश्तिया, मेहरपुर को शामिल कर कृष्णानगर, शिवनिवास शांतिपुर और राणाघाट सहित बड़े क्षेत्रों को पूर्वी पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया. और नदिया जिले के रानाघाट, करीमपुर इन इलाकों को भारत में शामिल कर लिया गया. तब से यहां के लोग 18 अगस्त को ‘भारतभक्ति दिवस’ के रूप में मनाते हैं.
यह भी पढ़ें–
भाईयों बहनों के साथ अब ‘परिवारजन’, लाल किले से संबोधन के दौरान बदली पीएम मोदी की टैगलाइन