Nutrition in Cancer Care: गर्मियों में आम का स्वाद किसको नहीं भाता. वहीं, अगर हम भारत की बात करें, तो विश्व में हमारा देश सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करता है. शायद आम आपका भी फेवरेट हो. भारत में अलग अलग प्रजातियों के आम का उत्पादन होता है. जिसमें लंगड़ा, दशहरी इत्यादि रसीले आम होते हैं. तो आइए हम आपको आम की एक ऐसी ही खास प्रजाति के बारे में बताते हैं, जो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद तो है ही, साथ ही कैंसर पेसेंट के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा आम की 2 संकर किस्में तैयार की गई है जो पूरी तरह से रंगीन है. ये आम दिखने में जितने रंगीन है उतने ही काम के हैं. आम का नाम अंबिका और अरूणिका है. ये न केवल खाने में स्वादिष्ट है बल्कि इसको खाने से कई बीमारियों का भी खात्मा होता है.
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कैंसर रोधी गुण मौजूद
जानकारी दें कि इस आम की प्रजाति में कैंसर रोधी गुण मौजूद हैं. वहीं विटामिन ए भी पाया जाता है जिसके चलते बाजार में यह आम किलो के भाव में नहीं बल्कि प्रति पीस के भाव में बिकता है. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों ने दोनों किस्मों की आमों को विकसित किया है. दोनों प्रकार के आम संस्थान के तत्कालिक निदेशक शैलेंद्र राजन की देख रेख में विकसित किए गए हैं.
बता दें ये दोनों प्रकार के आम देश के लगभग सभी कोनें में पहुंच चुके हैं. ये आम खाने में जितने टेस्टी है उतने ही स्वास्थ्य के लिए हितकारी. इस आम में कैंसर रोधी तत्व मंगीफेरिं है जो कैंसर की बीमारी को रोकने में काफी मदद करता है. इस फल को काफी दिनों तक रखा जा सकता है दोनों काफी दिनों तक टिक सकते हैं.
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गमले से उगा सकते हैं इसका पौधा
आम की इस नई प्रजाति को उगाने के लिए किसी पेड़ की आवश्यकता नहीं है. इसका विकास इस तरीके से किया गया है कि घर में इसे गमले में भी उगा सकते हैं. बात अरूणिका प्रजाति के आम की करें, तो फल काफी टिकाऊ है. दरअसल, सेब की तरह ही आम के पौधे को भी बौना बनाने का प्रयास काफी दिनों से चल रहा था. आम्रपाली किस्म अपने छोटे आकार के लिए प्रचलित हुई. अब इसमे दूसरे प्रकार के आम की प्रजाति को शामिल कर दिया गया है. जानकारी हो कि आम्रपाली का पौधा पेड़ की तुलना में किस्म करीब 40% छोटी होती है.
महंगा बिकता है फल
दोनों प्रकार के ये आम देखने में इतने सुंदर हैं कि दूर से ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इन दोनों का उत्पादन काफी कम खर्च में हो सकता है. इसके पौधे काफी छोटे होते हैं जिस वजह से इनको तोड़ना काफी आसान होता है. अरूणिका आम की किस्म की खेती करने वाले लखनऊ के किसान ने जानकारी दी कि ये काफी मीठा है. दूसरे आम के मुकाबले काफी महंगा है. जहां एक ओर आम 50 से 60 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है तो वहीं ये आम 70 से ₹80 प्रति पीस के भाव से बिक रहे हैं.