Parivartini Ekadashi 2023 Date: वैसे तो हिंदू धर्म में हर माह पड़ने वाली एकादशी तिथि का महत्व है, लेकिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली परिवर्तनी एकादशी का अपना अलग ही महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में करवट लेते हैं, इसलिए इस एकादशी को परिवर्तनी एकादशी के नाम से जानते हैं. इस साल कब रखा जाएगा परिवर्तनी एकादशी का व्रत, आइए काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्री नाथ प्रपन्नाचार्य से जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…
कब है परिवर्तनी एकादशी
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 25 सितंबर को सुबह 4 बजकर 36 मिनट पर हो रही है. तिथि का समापन 26 सितंबर को सुबह 5 बजकर 12 मिनट पर होगा. उदयातिथि मान्यतानुसार परिवर्तनी एकादशी का व्रत 25 सितंबर को रखा जाएगा.
परिवर्तनी एकादशी शुभ योग
इस साल परिवर्तनी एकादशी पर एक साथ कई शुभ मुहूर्त भी बन रहे हैं. इस दिन 25 सितंबर-दोपहर 3:23 बजे से 26 सितंबर 11:46 बजे तक सुकर्मा योग, 25 सितंबर-सुबह 11:55 बजे से 26 सितंबर सुबह 6:11 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग, 25 सितंबर -सुबह 6:11 बजे से सुबह 11:55 बजे तक रवि योग, 26 सितंबर सुबह 9:42 बजे से देर रात 1:44 बजे तक द्विपुष्कर योग बन रहा है. इस शुभ योग में किए गए दान-पुण्य और पूजा उपाय से विशेष लाभ होता है.
परिवर्तनी एकादशी महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार फिलहाल चतुर्मास का महीना चल रहा है. इस दौरान भगवान विष्णु शयन अवस्या में हैं. भगवान श्रीहरि विष्णु परिवर्तिनी एकादशी के दिन ही निद्रा अवस्था में करवट बदलते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त परिवर्तनी एकादशी का व्रत रख कर इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उनके जीवन से सभी पाप धुल जाते हैं और मृत्यु उपरांत उन्हें बैकुंठ लोक में स्थान प्राप्त होता है.
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)