लखनऊः कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड के आरोपी शूटर विजय यादव ने शनिवार को रिमांड के तीसरे दिन पुलिस को शहर के कई हिस्सों में दौड़ाया. शूटर विजय सबसे पहले पुलिस कैसरबाग के पास बने सुलभ शौचालय तक लेकर गया. यहां उसने वकील के कपड़े पहने थे. इस दौरान पुलिस के किए सवालों का गोल-मोल जवाब देता रहा.
पुलिस टीम ने कमता स्थित अवध बस अड्डा से पॉलीटेक्निक के बीच ओवरब्रिज दिखाया, लेकिन विजय ने पहचानने से इनकार कर दिया. विजय का चिकित्सकीय परीक्षण कराने के बाद शाम को जिला जेल भेज दिया गया. पुलिस उससे कुछ ऐसा नहीं उगलवा पाई, जिससे मुख्य साजिशकर्ता का पता चल सके.
बता दें कि बीते सात जून को विजय यादव ने वकील के वेश में कोर्ट परिसर के अंदर माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी के शरीर में रिवॉल्वर से छह गोलियां उतारकर हत्या कर दी थी. इस दौरान दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी थी. वारदात के बाद विजय को कुछ वकीलों ने मौके पर ही पकड़ लिया था और बाद में पुलिस के हवाले कर दिया था.
विजय ने अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान काठमांडू में किसी असलम नाम के व्यक्ति द्वारा जीवा की हत्या की सुपारी देने की बात कही थी. इसके बदले उसे 20 लाख की रकम मिलनी थी. उसके पकड़े जाने के बाद उसे एक भी रुपया नहीं मिला. सिर्फ खर्चे के लिए ही उसे आठ हजार रुपये दिए गए थे. उसने साजिशकर्ता का नाम नहीं उगला.