बरेलीः अदिकांश ऐसा होता है कि पुलिस वेश बदलकर छापेमारी करती है. कुछ ऐसा ही किया बरेली के भोजीपुरा क्षेत्र के आबकारी के तीन सिपाहियों ने. लेकिन वे मुसीबत में पड़ गए. सिपाही वेश बदलकर इलाके में कच्ची शराब बनाने वालों को पकड़े के लिए गए थे, लेकिन ग्रामीणों ने बदमाश समझ तीनों सिपाहियों को बंधक बना लिया. सिपाहियों ने फोन से विभागीय अधिकारियों को सूचना दी. इस पर मौके पर दूसरी टीम पहुंची, इसके बाद ग्रामीणों ने सिपाहियों को मुक्त किया.
कच्ची शराब का धंधा करने वालों को पकड़ने गई थी पुलिस
जानकारी के अनुसार, भोजीपुरा थाना क्षेत्र के मझौआ गांव के आसपास कच्ची शराब बनाने का धंधा होता है. इसकी जानकारी मिलने पर मंगलवार सुबह आबकारी विभाग के सिपाहियों की टीम कच्ची शराब बनाने का धंधा करने वालों को पकड़ने गई थी. टीम में सिपाही मरगूब हुसैन, मुनाजिर हुसैन और योगेश कुमार शामिल थे. तीनों सिपाही लूंगी-बनियान पहनकर उत्तराखंड के नंबर की कार से आए थे. उन्होंने दो आरोपियों को पकड़ लिया.
ग्रामीणों ने सिपाहियों की बातों पर नहीं किया यकीन
आरोपियों को पकड़कर तीनों सिपाही गाड़ी की तरफ ले जाने लगे. इसी बीच आरोपियों के शोर मचाने पर कई ग्रामीण आ गए. गांव वालों ने लूंगी पहने सिपाहियों को बदमाश समझकर पकड़ लिया. अपहरण का अंदेशा जताते हुए उन्हें बंधक बना लिया. मौके पर ग्रामीण जुटने लगे, यह देख सिपाही घबरा गए. उन्होंने कहा कि वे सिपाही हैं, लेकिन ग्रामीणों को उनकी बात पर विश्वास नहीं हुआ. जमकर हंगामा हुआ.
दूसरी टीम पहुंचने पर सिपाहियों को किया मुक्त
इस बीच बंधक बने सिपाहियों ने किसी तरह फोन से पुलिस और विभागीय अफसरों को मामले की सूचना दी। कुछ ही देर में भोजीपुरा थाने की फोर्स और आबकारी विभाग की दूसरी टीम मझौआ गांव पहुंच गई. इसके बाद ग्रामीणों ने तीनों सिपाहियों को मुक्त किया. गिरफ्तार कच्ची शराब बनाने के आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया.