इम्फालः सोमवार की देर रात तक संघर्षग्रस्त मणिपुर में इंफाल पूर्वी जिले के खमेनलोक इलाके में उग्रवादियों और ग्रामीण स्वयंसेवकों के बीच मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में 9 लोग घायल हो गए. पुलिस की ओर से इस घटना की जानकारी दी गई है.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शुरुआत में तीन लोगों के हताहत होने की सूचना मिली थी. उन्होंने कहा कि गांव के स्वयंसेवकों ने उग्रवादियों द्वारा बनाए गए कुछ अस्थायी बंकरों और वाच टावर को भी जला दिया. अधिकारी ने बताया कि यह क्षेत्र मैतेई-बहुल इंफाल पूर्वी जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं के पास स्थित है.
चिकित्सा प्रतिष्ठानों के अधिकारियों ने कहा कि घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां एक घायल व्यक्ति की हालत नाजुक बताई जा रही है, जबकि अन्य खतरे से बाहर हैं.
बड़ी संख्या में तैनात किए गए पुलिस बल
सोमवार को इलाके में गांव के स्वयंसेवकों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी हुई. इससे पहले तीन दिन तक इलाके में कोई बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली थी. एक अन्य घटना में, बिष्णुपुर जिले के गोविंदपुर गांव में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक उग्रवादी मारा गया था और दो अन्य घायल हो गए थे. हिंसा को और फैलने से रोकने और इलाके में दबदबा कायम करने की कवायद के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. अधिकारी ने कहा कि उग्रवादी गांवों के आसपास बंकर बनाने की कोशिश कर रहे थे, तभी सुरक्षा बलों ने उन्हें उकसाया और दोनों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई.
एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर विरोध
मालूम हो कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं. मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा है और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं.