Haryana Police: हरियाणा के पलवल में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दो माह पहले शाखा में कार्यरत हवलदार द्वारा साढ़े 12 लाख के गबन के बाद अब पूर्व शाखा प्रभारी पर 3.23 करोड़ रुपये गबन का मुकदमा दर्ज किया है. मुकदमे में पुलिस ने शाखा प्रभारी हवलदार जनक के अलावा ईएचसी ओमवीर को भी नामजद किया गया है.
मालूम हो कि इससे पहले अप्रैल माह में ईएचसी भूप सिंह के खिलाफ साढ़े 12 लाख रुपये घोटाले का मुकदमा दर्ज कर किया था. दोनों मामलों में आरोपियों ने चालान शाखा में आने वाली राशि को बैंक खाते में जमा नहीं करवाया था. कैंप थाना पुलिस ने पूर्व शाखा प्रभारी सहित दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया है. बुधवार को आरोपी जनक को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया गया है, वहीं, ओमवीर की गिरफ्तारी अभी बाकी है. डीएसपी संदीप मोर ने बुधवार पत्रकार वार्ता में बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह को सूचना मिली की ई-चालान की रकम समय पर खातों में जमा नहीं हो रही है.
मामले की जांच उन्हें सौंपी गई. उन्होंने जनवरी 2020 से 31 मार्च 2023 तक के रिकॉर्ड की जांच की. इस जांच में पाया कि इस दौरान राशि जमा कराने की जो रसीद रिकॉर्ड में लगी हुई थी, वे बैंक की रसीदों से भिन्न थी. उन्होंने जब जांच की तो इस दौरान कुल रकम 3,22,97,150 रुपये बनती है, जिसके बैंक में जमा होना नहीं पाया गया. इस दौरान वर्ष 2018 से 2021 तक चालान शाखा में हवलदार जनक बतौर इंचार्ज था. हवलदार जनक ने चालान की रकम लेकर उसे विभाग के साथ धोखाधड़ी कर बैंक खाते में जमा नहीं कराया, जबकि चालान की रकम प्रतिदिन शाम को बैंक में जमा होनी चाहिए, लेकिन जनक ने कुछ रकम जमा कराई थी, जो 15-15 दिन में जमा हुई.
3.23 करोड़ में से करीब 25 लाख ही जमा कराया
डीएसपी संदीप मोर ने बताया कि ई-चालान की रकम को बैंक में जमा कराने के लिए जो रसीद मिलती है, वे एचसी जनक ने रिकॉर्ड में लगाई हुई थी. जो रसीद रिकॉर्ड में लगी हुई थी, उनका मिलान बैंक में किया तो वे मेल नहीं हो सकी. जांच में पता चला है कि आरोपी ने बैंक की रसीदों पर फर्जी मुहर लगाकर उन्हें रिकॉर्ड में लगाया हुआ था. जबकि इस दौरान कुछ रकम आरोपी ने बैंक में जमा भी कराई है, जो करीब 25 लाख रुपये है, जिससे साफ जाहिर होता है कि आरोपी ने विभाग के साथ धोखाधड़ी कर रकम को हड़पा है. मामले में दूसरे आरोपी ओमवीर की संलिप्तता की जांच की जा रही है. अभी तक उसके द्वारा जमा कराई गई राशि में मामूली फर्क मिला है.
अप्रैल में उजागर हुआ था साढ़े 12 लाख का गबन
चालान शाखा में अप्रैल माह में भी साढ़े 12 लाख रुपये गबन का मामला सामने आया था. इस दौरान कार्यालय में नियुक्त हुए नए प्रधान सिपाही द्वारा खुलासा किए जाने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रधान सिपाही सुरेंद्र की पांच फरवरी को चालान ब्रांच डीपीओ में तैनाती हुई थी. उससे पहले ईएचसी भूप सिंह की ब्रांच में तैनाती थी. तैनाती के बाद प्रधान सिपाही सुरेंद्र ने शाखा के रिकार्ड की जांच की तो पाया कि उससे पहले भूप सिंह द्वारा अपनी तैनाती के दौरान 9.12.22 से लेकर 05.02.23 तक चालान शाखा के कुल 12 लाख 37 हजार 500 रुपये सरकारी बैंक खाते में जमा नहीं करवाए गए हैं. जांच के दौरान ईएचसी भूप सिंह को बार-बार सरकारी पैसा लौटाने को कहा गया, लेकिन यह रुपये उसने अब तक बैंक खाते में जमा नहीं करवाए। इससे पहले चालान शाखा में चालान स्लिप में राशि को कम कर घोटाला करने का मामला सामने आ चुका है.
कोराना काल की वजह से नहीं दिया ध्यान
पूछताछ के दौरान डीएसपी संदीप मोर ने बताया कि जिस भी पुलिस कर्मचारी व अधिकारी की इसमें संलिप्तता पाई जाएगी, उसे बख्शा नहीं जाएगा. उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस विभाग के पैसे की पूरी रिकवरी कर उसे खाते में जमा कराया जाएगा। आरोपी ओमवीर की जांच की जा रही है, अभी तक की जांच में उसके खिलाफ कोई पुख्ता तथ्य नहीं मिले है, दो वर्ष बाद मामले का संज्ञान लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरोना काल होने के दौरान विभाग ने बैंक खाते की तरफ ध्यान नहीं दिया. ईएचसी भूप सिंह के घोटाले की जांच के बाद मामले की जांच की गई तो बड़ा घोटाला सामने आया. हालांकि भूप सिंह ने पूरी राशि खाते में जमा करा दी है.