Vastu Tips: कारोबार में तरक्की के लिए इस दिशा में बनवाएं दुकान का मुख्य द्वार, दिन दुगनी-रात चौगुनी होगी कमाई

Vastu Tips: हर व्यक्ति खुशहाली भरा जीवन व्यतीत करने के लिए कोई न कोई व्यापार अवश्य ही करता है. हर किसी की चाह होती है कि वो बिजनेस में दिन दूना और रात चौगुना तरक्की करे, जिसके लिए खूब मेहनत भी करता है. जीवन में उतार-चढ़ाव आना एक स्वभाविक प्रक्रिया है, लेकिन कई बार ये परेशानियां बढ़ती ही जाती है. लगातार व्यापार में घाटे के कारण व्यक्ति का तनाव भी बढ़ने लगता है. ज्योतिष की मानें तो यह सब दुकान में मौजूद वास्तु दोष के चलते होता है. ऐसे में अगर आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं तो वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से आप बिजनेस में तरक्की प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…

इस दिशा में होना चाहिए प्रवेश द्वार
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दुकान का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है. अगर आपकी दुकान पुश्तैनी है तो ये और भी शुभ होता है. नियमित अपने दुकान को सही समय पर खोलें. ध्यान रहे कि कभी भी दुकान के प्रवेश द्वार पर कोई सामान नहीं पड़ा रहना चाहिए. क्योंकि इससे कारोबार की तरक्की रूक जाती है. इसके अलावा मुख्य द्वार को थोड़ा भारी बनवाएं.

इस दिशा का न करें चुनाव
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूलकर भी दुकान का प्रवेश द्वार पश्चिम और दक्षिण दिशा में न बनावाएं. ये दोनों ही दिशा अशुभ मानी जाती हैं. अगर कोई व्यक्ति पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार बनवाता है तो, उसका कारोबार चींटी की तरह आगे बढ़ता है और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है. हालांकि, मनोरंजन सेवाओं और खाद्य पदार्थों के लिए पश्चिम और दक्षिण दिशा अच्छी मानी जाती हैं.

दुकान का ऐसा हो आकार
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दुकान का आकार पीछे की ओर से छोटी और आगे की ओर से बड़ी होनी चाहिए. वहीं, पीछे से बड़ी और आगे से छोटी दुकानों में कभी भी तरक्की नहीं होती है. इसके अलावा चारों कोनों से एक समान दुकान भी अत्यंत शुभ मानी जाती हैं.

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इन बातों का रखें ध्यान

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, दुकान में साफ-सफाई करके पूजा करें.
  • धूप-दीप जलाकर दुकान के चारों तरफ दिखाएं.
  • दुकान के आगे हमेशा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.
  • अपनी दुकान के कचरे को किसी और की दुकान के आगे न फेकें.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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