Adhikmaas Amavasya 2023 Right Date: सनातन धर्म में हर माह पड़ने वाली अमावस्या तिथि का स्नान-दान के लिए विशेष महत्व है. वहीं अधिकमास माह में पड़ने वाली अमावस्या का अपना अलग महत्व है. बता दें कि वर्तमान में सावन अधिकमास का कृष्ण पक्ष चल रहा है. इस बार सावन अधिकमास की अमावस्या तिथि को लेकर लोगों में कंन्फ्यूज हो गया है. कुछ लोगों का मानना है कि अमावस्या की तिथि 15 अगस्त को है, जबकि कुछ का मानना है 16 अगस्त को. यदि आपको भी अमावस्या की तिथि को लेकर कंन्फ्यूजन है तो आइए काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य से जानते हैं अमावस्या की सही तिथि और स्नान दान का शुभ मुहूर्त…
कब है अधिकमास की अमावस्या?
काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य के अनुसार सावन अधिकमास माह की अमावस्या तिथि की शुरूआत 15 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से होगी. अमावस्या तिथि की समाप्ति 16 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर होगी. हिंदू धर्म में उदयातिथि सर्वमान्य होती है, इसलिए अधिकमास की अमावस्या 16 अगस्त दिन बुधवार को है.
स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
अमावस्या के दिन यानी 16 अगस्त को स्नान-दान शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 05:47 बजे से 07:27 बजे तक है. ऐसी मान्यता है कि इस शुभ मुहूर्त में पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान, दान, ब्राह्मण भोज कराना बहुत पुण्यदायी होता है. इस दिन राहुकाल दोपहर 12:25 बजे से दोपहर 02:04 बजे तक रहेगा.
15 अगस्त को दर्श अमावस्या
ज्योतिष के अनुसार दर्श अमावस्या के दिन चंद्र देवता के लिए दर्शन नहीं होते हैं, लेकिन जो लोग इस दिन चंद्र देव की पूजा आराधना करते हैं, उनकी पूजा सफल होती है और चंद्र देव उनकी मनोकामना को पूर्ण करते हैं. इस बार मलमास की दर्श अमावस्या 15 अगस्त को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर में 01 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और 16 अगस्त को सुबह 05 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में पितरों के नाम पर किया गया तर्पण बहुत फलदायी होता है.
ये भी पढ़ेंः सूर्य और शनि के आमने-सामने होने से बनेगा बेहद खास योग, इन 3 राशि वालों की चमकेगी किस्मत
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)