Sharad Purnima Par Kheer Kyo Banai Jati Hai: सनातन धर्म में 12 पूर्णिमाओं में सबसे बड़ी और खास आश्विन माह की शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) को माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी और चंद्रमा की विधि-विधान से पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मां लक्ष्मी की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. साथ ही इस दिन भोग के रूप में खीर बनाने का भी विधान है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाने का क्या महत्व है. आइए जानते हैं इस दिन खीर बनाने का महत्व और इसके फायदे…
शरद पूर्णिमा महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार 28 अक्टूबर से शरद पूर्णिमा शुरू हो रही है, जिसका समापन अगले दिन 29 अक्टूबर को होगा. ऐसा माना जाता है कि, इस दिन श्रीकृष्ण चंद्रमा की सभी सोलह कलाओं से युक्त थे. इस दिन धन की देवी देवी मां लक्ष्मी रात्रि में भ्रमण के लिए निकलती हैं. शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखने और मां लक्ष्मी की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है.
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शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने का धार्मिक महत्व
शरद पूर्णिमा की रात में खीर रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के एकदम करीब होता है. चांद से निकलने वाली रोशनी से अमृत वर्षा होती है. ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे खीर रखकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते हैं.
शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने का वैज्ञानिक महत्व
वैज्ञानिक तर्क के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की चमकदार रोशनी से खीर में खास तरह के विटामिन मिल जाते हैं. दूध में लैक्टिक एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. वहीं, चावल में स्टार्च पाए जाते हैं. ये तत्व खीर में मिलकर इसे स्वास्थवर्धक बना देते हैं.
(Disclaimer: लेख में दी गई जानकारी समान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है, इसकी पुष्टी The Printlines नहीं करता है.)