Unique Shivling: ये है 1 लाख छिद्र वाला दुनिया का एकमात्र शिवलिंग, जिसे भगवान राम ने किया था स्थापित

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Laxmaneshwar Temple Unique Shivling in India: शिव आस्था के पवित्र माह सावन की शुरुआत हो गई है. सभी प्राचीन शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. पूरे सावन महीने भगवान शिव के मंदिरों में भारी भीड़ रहेगी. भगवान शिव के सभी मंदिरों की अलग-अलग मान्यता और महत्व है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं जहां शिवलिंग की स्थापना स्वंय भगवान राम ने की थी. इतना ही नहीं इस शिवलिंग में एक छिद्र है, जिसका जल सीधे पाताल में समा जाता है. आइए जानते हैं इस रहस्मयी मंदिर के बारे में…

जानिए कहां है ये मंदिर
दरअसल, हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के जांजगीर चापा जिले के खरौद में स्थित विश्वप्रसिद्व लक्ष्मणेश्वर मन्दिर की. इस मंदिर के शिवलिंग की स्थापना भगवान राम ने लंका विजय कर वापस आने के दौरान की थी. यह मंदिर अपनी अद्भुत विशेषताओं के लिए जाना जाता है. इस मंदिर में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए एक लाख चावल सफेद रंग के कपड़े के थैले में भरकर चढ़ाते है. इसे लक्ष्य या लाख चावल भी कहते हैं. सावन के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है.

पाताल में समा जाता है जल
लक्ष्मणेश्वर मंदिर अपने आप में बेहद अद्भुत और आश्चर्यों से भरा है. बताया जाता हैं कि इस शिवलिंग में एक लाख छिद्र है. इसलिए इसे लक्षलिंग या लखेश्वर कहा जाता है. धार्मिक मान्यता अनुसार इन एक लाख छेदों में से एक छेद ऐसा है जो पाताल से जुड़ा है. इसमें जितना भी जल डाला जाता है. वह सब पाताल में समा जाता है. जबकि एक छेद ऐसा भी है जो हमेशा जल से भरा रहता है, जिसे अक्षय कुण्ड कहा जाता है.

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छत्तीसगढ़ की काशी के नाम से प्रसिद्ध है यह मंदिर
भगवान राम द्वारा स्थापित लक्ष्मणेश्वर शिवलिंग (लक्षलिंग) जमीन से करीब 30 फीट ऊपर है. इसे स्वयंभू शिवलिंग भी कहा जाता है. जांजागीर चांपा जिले के खरौद को इस मंदिर के चलते छत्तीसगढ़ की काशी के नाम से जाना जाता है. मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि लंका विजय के पहले भगवान राम और लक्ष्मण जी ने यहां खर और दूषण के वध के बाद ब्रह्म हत्या के पाप से छुटकारा पाने महादेव की स्थापना की थी. जिसे लक्ष्मणेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. खर दूषण के वध के चलते इस जगह का नाम खरौद है. कहा जाता हैं कि यहां पूजा करने से ब्रह्महत्या के दोष का भी निवारण हो जाता है. ऐसा बताया जाता है कि लक्ष्मणेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में मौजूद शिवलिंग की स्थापना भगवान राम ने लक्ष्मण जी से कराई थी.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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