PHDCCI-जयपुरिया स्कूल ऑफ बिजनेस में “एचआर कॉन्क्लेव” का आयोजन, 21वीं सदी में अपस्किलिंग पर हुई चर्चा

नई दिल्ली: पीएचडीसीसीआई राज्य विकास परिषद के साथ संयुक्त तत्वाधान में जयपुरिया स्कूल ऑफ बिजनेस, गाजियाबाद ने 28 सितंबर 2024 को पीएचडी हाउस दिल्ली में “एचआर कॉन्क्लेव” का आयोजन किया. इस कॉन्क्लेव का विषय था ’21वीं सदी में अपस्किलिंग, रीस्किलिंग, क्रॉस-स्किलिंग का विकास’. कॉन्क्लेव में उद्योग जगत के प्रमुख वक्ताओं ने कौशल विकास, भविष्य के कार्यबल की तैयारी और संगठनात्मक विकास पर ध्यान, मानव संसाधन की प्रथाओं समेत कई विषयों पर चर्चा की.

इन दो विषयों पर हुई पैनल चर्चा
जयपुरिया स्कूल ऑफ बिजनेस के महानिदेशक डॉ. राजीव ठाकुर के नेतृत्व में कॉन्क्लेव की शुरुआत हुई. इसके बाद पीएचडीसीसीआई के सचिव अतुल के ठाकुर और जेएसबी के डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर तपन कुमार नायक का उद्घाटन भाषण हुआ. उद्घाटन सत्र के बाद मानव संसाधन के क्षेत्र में बहुत ही प्रासंगिक विषयों पर दो पैनल चर्चाएं हुईं.

इन लोगों ने पैनल चर्चा में लिया भाग
आपको बता दें कि पहली पैनल चर्चा का शीर्षक ‘स्किल्स सेंट्रिक अपस्किलिंग ट्रांसलेटिंग इनटू ग्रेटर परफॉर्मेंस’ था. इसमें पैनलिस्ट रजनीश सिंह (सीईओ, सिंपली ग्रुप), सुमल अब्राहम, सीएचआरओ( टीवीएस ट्रक और बस), सुश्री दीप्ति तोमर (प्रोजेक्ट लीड एल एंड डी, ग्रांट थॉर्नटन), जेटेन्दर पाल सिंह (ग्रुप एचआर हेड, ग्रोज़ इंजीनियरिंग टूल्स) और प्रभंजन के प्रसून, प्रमुख प्रतिभा अधिग्रहण, सोपरा स्टेरिया. इसका संचालन पीपल लैब्स के सीईओ श्री सुब्रत कुमार ने किया.

दूसरी पैनल चर्चा में इन लोगों ने लिया भाग
दरअसल, ‘स्किल सेंट्रिक क्रॉस स्किलिंग एम्ब्रेसिंग द जॉब मैट्रिक्स’ शीर्षक वाले दूसरे पैनल चर्चा में भी प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार रखे. इन वक्ताओं में आशुतोष अंशू (बोर्ड निदेशक, सीएचआरओ, हिताची इंडिया शामिल थे. रेनू बोहरा, सीएचआरओ, सीके बिड़ला ग्रुप, जगप्रीत बराड़, निदेशक लर्निंग सर्विसेज, केपीएमजी. हिमांशु पंत, एवीपी एचआर, थ्राइव, अरुण अल्बर्ट, सीएलओ, साइरस ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ शामिल रहे. वहीं, चर्चा का संचालन जेएसबी के प्रोफेसर हिमांशु मांगलिक ने किया.

इस पैनल चर्चा में संगठनात्मक ढांचे में क्रॉस-स्किलिंग पहल को एकीकृत करने, चुनौतियों का समाधान और सीखने और अनुभवों को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने को लेकर चर्चा हुई. इस कॉन्क्लेव में कौशल विकास और कार्यबल परिवर्तन, कौशल में आ रहे अंतर खत्म करना, भविष्य की प्रतिभा को पहचानना, उद्योग-अकादमिक सहयोग और सीखने की समावेशी संस्कृति बनाने सहित कई विषयों पर चर्चा हुई.

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