नई दिल्ली। विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए रक्षा प्रौद्योगिकियों का विकास जरूरी है और बड़े पैमाने पर शोध करने की जरूरत है। यह बातें एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही। रक्षा मंत्री ने भारत की सीमाओं पर दोहरे खतरे को देखते हुए प्रौद्योगिकी की प्रगति पर ध्यान देने की बात कही।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत जैसे देश के लिए रक्षा प्रौद्योगिकियों पर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि हम अपनी सीमाओं पर दोहरे खतरों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में हमारे लिए तकनीकी प्रगति के मामले में आगे बढ़ना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज हम दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक हैं। हमारी सेना के शौर्य के चर्चे पूरी दुनिया में हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि देश के हितों की रक्षा के लिए हमारे पास तकनीकी रूप से उन्नत सेना हो।
राजनाथ सिंह ने रक्षा प्रौद्योगिकियों को मजबूत करने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और शिक्षाविदों के बीच सहयोग का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस प्रगति का एकमात्र तरीका अनुसंधान के माध्यम से है। यह समय की मांग है कि डीआरडीओ और शिक्षाविद दोनों मिलकर काम करें। इस दौरान डीआरडीओ और शिक्षा जगत के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मौके पर मौजूद रहे।
मालूम हो कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच टकराव जारी है। उधर, पाकिस्तान लगातार सीमा पार आतंकवाद को समर्थन दे रहा है। इसे लेकर रक्षा मंत्री ने यह टिप्पणी की है।