जयनगर, पश्चिम बंगाल/लखनऊ। बंगाल में टीएमसी सरकार के भ्रष्टाचार का दीमक जनता को केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित कर रहा है। बंगाल में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं। हर विभाग से वसूली हो रही है। पुलिस प्रशासन पार्टी विशेष का कार्यकर्ता बनकर रह गया है। यह बातें केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 9 साल पूर्ण होने के अवसर पर चल रहे महासम्पर्क अभियान के तहत बंगाल में आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहीं।
उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता के मन में भाजपा के पक्ष में हाई वोल्टेज करंट बह रहा है। वह आने वाले चुनाव में भाजपा को 35 से अधिक सीट पर चुनाव जिताकर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनवाने जा रही है। भाजपा की इस जीत के बाद बंगाल में दीदी के भ्रष्टाचार का किला भरभराकर ढह जाएगा।
टीएमसी पर बंगाल को गर्त में ले जाने का आरोप लगाते हुए डा. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में माफियाराज हावी है। आज सूबे में खनन, गिट्टी, पशु तस्करी, सोने की तस्करी का माफिया हावी है और हत्या, अपहरण, महिलाओं से बदसलूकी एक व्यवसाय बन गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी 2017 में भाजपा की सरकार बनने के पहले यही हाल था, लेकिन 6 साल में ही यूपी से अपराध और अपराधी और माफिया गायब हो गए हैं। आज प्रदेश में 3.90 लाख करोड का निवेश आया है। 20 हवाई अड्डे बन गए हैं। आज यूपी के हर जिले में मेडिकल कालेज बन गए हैं। पिछले पांच साल में 250 माध्यमिक विद्यालय व 78 डिग्र्री कालेज बने हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि सुशासन भाजपा की सरकारों की पहचान है और यहां के बुआ-भतीजे को सुशासन का मंत्र सीखने की जरूरत है, जिससे कि बंगाल की जनता भी देश में हो रहे विकास के साथ कदमताल कर सके । इसके लिए उन्हें दिल्ली अथवा यूपी जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अथवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुशासन का मंत्र लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आज पूरे विश्व के नेता के तौर पर उभरे हैं। आज उनकी लोकप्रियता देश की सीमाओं के पार पहुंच चुकी है। आज बड़े-बड़े देशों के नेता उनका नेतृत्व स्वीकार कर रहे हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल के विकास के लिए केंद्र सरकार तो कटिबद्ध है, लेकिन विकास के लिए राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है । जो बंगाल किसी समय में सबसे सम्पन्न राज्य हुआ करता था तथा देश के लोगों को नौकरी से लेकर व्यवसाय देता था, वह आज कराह रहा है। इसके विकास को कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने स्लो पॉइजन देकर खराब किया और पिछले 10 साल में टीएमसी ने तो इसका बेड़ा ही गर्क कर दिया है। चौड़ी सडकों वाले बंगाल में सडकें खस्ताहाल हैं और पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्ढा है कि गडढे में सड़क है। कभी रोजगार देने वाले बंगाल का हाल कुछ ऐसा है कि अब यहां के लोगों को नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ रहा है। राज्य के इस पतन का सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार है, जो पिछले पांच साल में चरम सीमा पर पहुंच गया है।
डा. शर्मा ने कहा कि यहां पर दीदी के अलावा पर्दे के पीछे भी एक मुख्यमंत्री है। जबसे उन्होंने कमान संभाली है, सूबे का कोई विभाग ऐसा नहीं बचा है, जहां से वसूली नहीं होती हो। भारत सरकार की मुद्रा योजना व मनरेगा जैसी योजना के लाभार्थी इन योजनाओं का लाभ पाने की अभी राह ही देख रहे हैं। इसका पैसा कहा गया, कुछ पता नहीं है। मनरेगा का तो पूरा पैसा भी खर्च नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री आवास और शौचालय योजना का हाल भी कुछ ऐसा ही है कि पैसा कहां गया, किसी को पता नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक के उपचार की व्यवस्था की है, लेकिन बंगाल के लोगों को प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया स्वास्थ्य सुरक्षा का यह कवच भी नहीं मिल रहा है। किसान सम्मान निधि देश के अन्य राज्यों के किसानों को राहत दे रही है, लेकिन बंगाल का किसान आज भी इससे वंचित ही है। बंगाल में गांवों में आज भी बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा है । सरकारी कर्मचारी को पूरा डीए तक नहीं दिया जा रहा है। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने राज्य के विकास को बंगाल की खाड़ी में फेंक दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन हो रहा है। भाजपा के कार्यक्रमों को अनुमति नहीं दी जाती है। यह उत्पीड़न अधिक चलने वाला नहीं है। इसे रोका जाना चाहिए नहीं तो आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब दे देगी। केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने भी पत्रकार वार्ता को संबोधित किया और अन्य कार्यक्रमों में सहभागिता की। इस मौके पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सुमित दास, प्रदेश मंत्री नवारून नायक, जय नगर जिला अध्यक्ष उत्पल नश्तर, जिला विभाग संयोजक दीपक जाना, जिला सचिव आलोक हलधर, शंकर सरदार, राम कृष्ण प्रमानिक, सोरजीत मंडल आदि उपस्थित रहे।