लाहौर। नौ मई को पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के चलते उनके खिलाफ दायर तीन मामलों में उन्हें बड़ी राहत मिली है। पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने शुक्रवार को इमरान खान की गिरफ्तारी से पहले जमानत मंजूर कर ली।
लाहौर आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने इमरान खान को 2 जून तक जमानत देते हुए जांच का हिस्सा बनने का निर्देश दिया। खान के खिलाफ दर्ज मामलों में से एक लाहौर में कोर कमांडर हाउस पर हमले से संबंधित है।
क्या बोले इमरान खान
जमानत के बाद एटीसी अदालत कक्ष में पत्रकारों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि उन्होंने पिछले 35 वर्षों में सरकार द्वारा कभी भी इस तरह की “कार्रवाई” नहीं देखी। इमरान ने कहा, ”ऐसा लगता है जैसे सभी मौलिक अधिकार समाप्त हो गए हैं, केवल अदालतें अब मानवाधिकारों की रक्षा कर रही हैं।” खान ने आगे कहा कि जो भी हो जो वो “आखिरी गेंद तक” लड़ेंगे।
हिंसा फैलाने का आरोप
नौ मई को आईएचसी परिसर में अर्धसैनिक बल पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में अशांति फैल गई थी। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार, प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर धावा बोल दिया और लाहौर में एक कोर कमांडर के घर को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद सरकार ने इमरान पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
कई लोगों की हुई थी मौत
पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई।
मालूम हो कि शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वालों को पाकिस्तानी सेना अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम सहित देश के संबंधित कानूनों के तहत सजा देने की बात कही है।
गौरतलब है कि खान को अविश्वास मत हारने के बाद पिछले वर्ष अप्रैल में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। इमरान ने सत्ता जाने के बाद आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों के कारण उन्हें अमेरिकी नेतृत्व द्वारा साजिश के तहत निशाना बनाया गया था।