India-US Relations: भारत समेत कई देशों के लोगों को ग्रीन कार्ड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बाबत जानकारी दी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि भारत, चीन, मेक्सिको और फिलीपीन के लोगों को ग्रीन कार्ड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है कि क्योंकि सभी देश के लिए निर्धारित कोटा आवंटित किया गया है. खास बात ये है कि इस व्यवस्था को संसद ही बदल सकती है.
देशों को केवल 7 प्रतिशत ग्रीन कार्ड ही मिल पाता
आपको बता दें कि ग्रीन कार्ड यूएस में आधिकारिक स्थायी निवास कार्ड जाना जाता है. ग्रीन कार्ड अमेरिका में इमिग्रेंट्स को जारी किया जाता है. ये दस्तावेज इस बात का प्रमाण है कि कार्ड धारक को स्थायी रूप से देश में रहने की अनुमति है. बता दें कि इमिग्रेशन कानून के तहत प्रतिवर्ष लगभग 1,40,000 लोगों को रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड जारी किया जाता है. ऐसे में सभी देशों को केवल 7 प्रतिशत ग्रीन कार्ड ही मिल पाता है.
भारत समेत इन देशों के नागरिकों करना पड़ता है लंबा इंतजार
अमेरिका नागरिकता एवं इमिग्रेशन सेवाओं के निदेशक के वरिष्ठ सलाहकार डगलस रैंड ने कहा कि अमेरिका में स्थायी रूप से रह रहे किसी व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को दिए जाने वाले ग्रीन कार्ड की वार्षिक सीमा पूरी दुनिया के लिए 2,26,000 है जबकि रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड की वार्षिक सीमा 1,40,000 है.
आपको बता दें कि रैंड ने वीजा और दूतावास से जुड़े मुद्दों पर ऑनलाइन कार्यक्रम में भारतीय-अमेरिकियों से तमाम बातें कही. उन्होंने कहा कि परिवार के बाकी लोगों को रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड पर हर देश के लिए सालाना 7 प्रतिशत का कोटा है. इसलिए भारत, चीन, मेक्सिको और फिलीपीन के लोगों को अन्य देशों के लोगों के मुकाबले लंबा इंतजार करना पड़ता है.
अमेरिका की संसद ही कर सकती है बदलाव
आपको बता दें कि नियमों बदलाव को लेकर रैंड ने जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘केवल अमेरिकी संसद ही इस सीमा में बदलाव कर सकती है. हमारा काम है कि जब ये ग्रीन कार्ड उपलब्ध हो, तो ये सुनिश्चित करें कि हर साल इनका इस्तेमाल किया जाए.’
हजारों भारतीय पेशेवरों को ग्रीन कार्ड का इंतजार
भारत के हजारों पेशेवर एक दशक से अधिक समय से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं और कई बार वीजा का इंतजार भी वर्षों तक चलता है. भारत के लोगों को हर साल करीब 7,000-8,000 रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड जारी किए जाते हैं. इसमें प्राथमिक आवेदक के परिवार पर निर्भर लोग भी शामिल रहते हैं. आपको बता दें कि भारत के लगभग 2,000 एच-1बी वीजा आवेदकों को प्रतिवर्ष ग्रीन कार्ड दिया जाता हैं.