वाराणसी। बहुचर्चित ज्ञानवापी मामले को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी के मुख्य पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन ने मुकदमा छोड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, ये धर्मयुद्ध लड़ते-लड़ते समाज ने हमें गद्दार घोषित कर दिया। मेरा परिवार मुसीबतों से लड़ रहा है। मैं खुद को उन सभी मुकदमों से हटाता हूं, जो हमने देश और धर्म के हित में कोर्ट में दायर किए थे। मैं क्षमा चाहता हूं, अब नहीं सहा जाता।
उन्होंने कहा, ‘मैं देश व समाज को सूचित कर रहा हूं, कि मैं और मेरा परिवार उन सभी मुकदमों से अपने आप को हटा रहा है, जो मुकदमे देश और धर्म के हित में हमारे परिवार के द्वारा विभिन्न न्यायालयों में दायर किए गए थे। इन सभी मुकदमों को डालने के बाद मैं और मेरा परिवार हर तरह से विधर्मीयों व हिंदू गद्दारों के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। इस धर्म युद्ध को लड़ते हुए अपने ही समाज के द्वारा उल्टा हमें गद्दार घोषित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा भी हमें केवल प्रताड़ित करने का काम किया गया है। ऐसे में शक्ति और सामर्थ्य सीमित होने की वजह से इस धर्म युद्ध को मैं अब और नहीं लड़ सकता। इसलिए यह धर्म युद्ध छोड़ रहा हूं। इस धर्म युद्ध को शुरू करके शायद मैंने अपने जीवन में सबसे बड़ी गलती करी थी।
उन्होंने कहा कि यह समाज केवल धर्म के नाम पर नौटंकी कर समाज को भ्रमित करने वालों के साथ है। अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देश और समाज की रक्षा का कार्य करने वाला अपने ही समाज के द्वारा उपेक्षित और अपमानित किया जाता है। क्षमा चाहता हूं, अब और नहीं सहा जाता।