Chandrayan 3 Landing: “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.” भारत ने आज वो कर दिखाया जिसकी प्रतीक्षा न केवल देशवासियों को थी बल्कि पूरे विश्व को थी. 14 जलाई को लॉन्च हुआ चंद्रयान-3 आज चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया. तीसरे प्रयास में भारत के हाथों एक बड़ी सफलता लगी है. भारत आज चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया है. विश्व का पहला देश भारत बना है जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है. अब अपना तिरंगा शान से चांद पर लहराएगा. 22 अक्टूबर 2008 और 22 जुलाई 2019 की असफलता के बाद 23 अगस्त को हमारा विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 6 बजकर 4 मिनट पर लैंड कर चुका है.
दो असफलताओं के बाद रचा इतिहास
आपको बता दें कि 29 अगस्त 2009 को चंद्रयान-1 के साथ संचार खो जाने के कारण भारत को असफलता का सामना करना पड़ा था. 7 सितंबर 2019 को तड़के तीन बजे भारत को एक और आसफलता का सामने करना पड़ा था. दरअसल, चंद्रयान-2 नियोजित 55 डिग्री के बजाय 410 डिग्री झुक जाने के कारण क्रैश हो गया था, लेकिन आज भारत के लिए गर्व का पल है. ISRO ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग करा के पूरे विश्व में भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.
ISRO ने रचा इतिहास
ISRO ने आज इतिहास रच दिया है. विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के लिए मोहन कुमार, इसरो चीफ एस सोमनाथन और रितु करिधाल ने अहम भूनिका निभाई है. आपको बता दें की चांद का दक्षिणी ध्रुव आपेक्षिक रुप से ठंडा होता है. इस इलाके में अंधेरा भी काफी रहता है. बता दें कि 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग की गई थी.