Odisha Train Accident: ओडिया ट्रेन हादसे को याद कर आज भी लोगों का दिल दहल जा रहा है. एक तरफ जहां मृतक के परिजन अभी भी अपनों को खोने के गम डूबे हुए है, वहीं इस हादसे में जो लोग घायल हैं, उनके परिजन उनके स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना कर रहे हैं। उधर, ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के 10वें दिन आसपास के क्षेत्र के लोग घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने और मृतकों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करने एकत्र हुए। मालूम हो कि दो जून को हुए हादसे में 288 लोगों की मौत हुई थी. जबकि, 1100 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
कई संगठन और संस्थाएं हुईं शामिल
मृतकों और घायलों के लिए प्रार्थना करने आए एक ग्रामीण ने बताया कि हम लोगों के अलावा शवों को निकालने और घायलों को बचाने में शामिल लोगों ने भी यहां कामना की. इसके अलावा हिंदू संस्कारों के अनुसार, मृत्यु के कारण हम सबने अपना मुंडन कराया. कई सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संस्थाओं-कार्यकर्ताओं ने भी श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया. तीन दिवसीय सभा का आयोजन बहनागा हाई स्कूल परिसर के पास हुआ था, जहां शवों को भुवनेश्वर ले जाने तक रखा गया था.
आयोजन समिति के सदस्य जयकृष्ण सारंडी ने बताया कि हादसे के 11वें दिन सोमवार को विश्व शांति महायज्ञ, अष्टप्रहरी नाम संकीर्तन, अखंड गायत्री मंत्र का पाठ करेंगे. वहीं, श्रद्धांजलि सभा के अंतिम दिन मंगलवार को सत्संग और कैंडल मार्च का आयोजन किया जाएगा.
सभी खर्चों का वहन करेगी ओडिशा सरकार
नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त सूर्यवंशी मयूर विकास ने बताया कि बालासोर ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हुई थी. इनमें से 83 शवों की अब तक पहचान नहीं हुई है. विकास के अनुसार, सबसे बड़ी परेशानी यह थी कि कुछ शवों पर कई परिवार एक साथ दावा कर रहे हैं. इस परेशानी से निपटने के लिए हमने डीएनए सैंपलिंग की है और 30 डीएनए सैंपल्स को जांच के लिए दिल्ली एम्स भिजवा दिया है. रिपोर्ट आने में करीब सात से आठ दिन लग जाएंगे। भुवनेश्वर के डिप्टी कमिश्नर प्रतीक सिंह ने बताया कि शवों को घरों तक ले जाने तक का खर्चा, डीएनए जांच के खर्च सहित सभी खर्चों का वहन ओडिशा प्रशासन ही करेगा. परिजनों को इसके लिए चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है.
सबसे अधिक मृतक हैं इन राज्यों के
पश्चिम बंगाल और ओडिशा प्रशासन ने साथ मिलकर एम्स भुवनेश्वर में हेल्पडेस्क की शुरुआत की है। एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर पीड़ित पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा राज्य के रहने वाले थे. सीबीआई, रेलवे सुरक्षा कमिश्नर और जीआरपी ने ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है. खुर्दा डीआरएम रिंकेश रॉय को आशंका है कि उपकरणों के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिस वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया।