Criminal Procedure code Amendment Bill: लोकसभा में मॉनसून सत्र के आखिरी दिन गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता, और भारतीय साक्ष्य विधेयक में सुधार के लिए तीन विधेयक पेश किए है. इन विधेयकों को पास होते ही राज द्रोह खत्म हो जाएगा. इसके अलावा मॉब लिंचिंग, नाबालिग से रेप, महिलाओं के शोषण जैसे अपराधों के लिए कई नए कानून लाए गए हैं.
लोकसभा में इसे पेश करते हुए अमित शाह ने कहा, “1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही. अब अंग्रेजों के समय से चले आ रहे तीनों कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा.”
नाबालिग से रेप पर मृत्युदंड का प्रावधान
लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानूनों में हमने महिलाओं के प्रति अपराध और सामाजिक समस्याओं के निपटान के लिए ढेर सारे प्रावधान किए हैं. गैंग रेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है. वहीं, 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से बलात्कार मामले में मृत्युदंड का प्रावधान भी किया गया है. रेप के कानून में एक नया प्रावधान शामिल किया गया है, जो परिभाषित करता है कि विरोध न करने का मतलब सहमति नहीं है. इसके अलावा गलत पहचान बताकर यौन संबंध बनाने वाले को अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
मॉब लिंचिंग में मौत तक की सजा
आपको बता दें कि इस नए विधेयक में मॉब लिंचिंग को हत्या की श्रेणी में रखा गया है. गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी परिभाषा बताते हुए बताया कि जब 5 या 5 से अधिक लोगों का एक समूह एक साथ मिलकर नस्ल, जाति या समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य आधार पर हत्या करता है, तो ऐसे समूह के हर सदस्य को मौत या कारावास से दंडित किया जाएगा. इसमें न्यूनतम सजा 7 साल और अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा जुर्माना भी लगाया जाएगा.
लिया बड़ा ऐतिहासिक फैसला
विधेयक पेश करते हुए अमित शाह ने कहा, “हमने एक बहुत ऐतिहासिक फैसला किया है, वो है आरोपी की अनुपस्थिति में ट्रायल. उन्होंने बताया कि अभी कई केसों में दाऊद इब्राहिम वांटेड है, वो देश छोड़कर भाग गया. ऐसे में केसों का ट्रायल नहीं चल पा रहा है. अब सेशन कोर्ट के जज नियमों के मुताबिक, जिसे भगोड़ा घोषित करेंगे, उसकी अनुपस्थिति में ट्रायल होगा और सजा भी सुनाई जाएगी.”
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धार्मिक भड़काऊ स्पीच पर भी सजा
अगर आप भी धार्मिक भड़काऊ स्पीच देते हैं तो सावधान हो जाएं. क्योंकि अब हेट स्पीच और धार्मिक भड़काऊ स्पीच भी अपराध की लिस्ट में आ चुका है. इस नए कानून के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति धार्मिक आयोजन कर किसी वर्ग, श्रेणी या अन्य धर्म के खिलाफ भड़काऊ भाषण देता है तो उसे 5 साल की सजा दी जाएगी. वहीं, कोई व्यक्ति हेट स्पीच देता है तो उसे तीन साल की सजा और जुर्माना भरना होगा.
2027 तक सभी कोर्ट होंगे ऑनलाइन
अमित शाह ने कहा कि 2027 तक सभी कोर्ट ऑनलाइन होंगे. जीरो एफआईआर कहीं से भी रजिस्टर की जा सकती है. अगर किसी को भी गिरफ्तार किया जाता है, तो उसके परिवार को तुरंत सूचित करना होगा. जांच 180 दिन में समाप्त कर ट्रायल के लिए भेजना होगा. अमित शाह ने बताया कि नए कानून बनने से 533 धाराएं खत्म होंगी. 133 नई धारा शामिल की गई हैं. जबकि 9 धारा को बदल दिया गया है. इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल, एसएमएस, लोकेशन साक्ष्य, ईमेल आदि सबकी कानूनी वैधता होगी.
यौन शोषण मामले में FSL कंप्लसरी
इसके अलावा 7 साल से ज्यादा सजा के केस में फॉरेंसिक साइंस लेबोरोटरी को कंप्लसरी कर दिया गया है. यौन शोषण के मामले में पीड़िता का बयान सुने बिना केस वापस नहीं लिया जाएगा. चार्ज फ्रेम के मामले में 30 दिन के अंदर फैसला देना होगा और इस फैसले को 7 दिन के अंदर ऑनलाइन उपलब्ध कराना होगा.