अयोध्या। बुधवार को पूजन-अर्चन के साथ रामलला की अचल मूर्ति का निर्माण शुरू कर दिया गया है। रामसेवकपुरम में शुभ मुहूर्त में वैदिक आचार्यों ने कर्नाटक की श्याम शिला का पूजन-अर्चन कर मूर्ति निर्माण का कार्य प्रारंभ किया।
कारसेवकपुरम वेद विद्यालय के प्राचार्य पंडित इंद्र देव मिश्र के आचार्यत्व में वैदिक पंडितों ने सुबह 11:57 बजे विधि-विधान पूर्वक श्याम शिला की पूजा-अर्चना की।
मालूम हो कि श्रीराम जन्मभूमि में श्री रामलला की अचल मूर्ति की स्थापना की जानी है। यह मूर्ति 52 इंच की होगी। फाउंडेशन से लेकर मूर्ति की कुल ऊंचाई करीब आठ फीट हो जाएगी। अस्थाई गर्भगृह में वर्तमान में पूजित रामलला सहित चारों भाइयों की मूर्ति को मंदिर में उत्सव मूर्ति के रूप में स्थापित किया जाएगा। जबकि रामलला की अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मूर्ति के निर्माण में कर्नाटक के 5 कारीगर लगाए गए हैं। मूर्ति का निर्माण कार्य 4 से 5 महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
’30 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा पहले चरण का काम’
रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का पहला चरण इस वर्ष 30 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। पीएम मोदी के प्रधान सचिव रह चुके मिश्रा ने कहा कि मंदिर का निर्माण तीन चरणों में किया जा रहा है और श्रद्धालु पहले चरण का काम पूरा होने के बाद मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि भूतल पर अन्य कार्यों के अलावा पहले चरण में पांच मंडप का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि राम मंदिर के पहले चरण का काम 30 दिसंबर तक पूरा हो जाना चाहिए।