प्रयागराज। एसटीएफ प्रतापगढ़ जेल में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के आरोपितों से फिर पूछताछ करेगी। सभी सवालों का प्रमाणिक और संतोषजनक जवाब न मिलने पर नार्को टेस्ट या लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की तैयारी की जाएगी। न्यायिक आयोग भी अभियुक्तों से पूछताछ के लिए आ सकता है।
जेल में इसलिए पूछताछ होनी है कि उन्हें कस्टडी रिमांड पर नही लिया जा सकता है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम की ओर से आरोपितों की कई बार न्यायिक अभिरक्षा बढ़ाई गई है। मालूम हो कि 15 अप्रैल की रात तीन शूटरों ने काल्विन अस्पताल में उस समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या दिया था, जब उन्हें पुलिस कस्टडी में मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया जा रहा था।
पुलिस ने तीनों शूटरों को मौके से दबोच लिया था। पूछताछ में पता चला था कि लवलेश बांदा, सनी सिंह हमीरपुर और अरुण मौर्य कासगंज का रहने वाला है। इनके पास से तुर्किये निर्मित जिगाना, गिरसान और एक कंट्री मेड पिस्टल बरामद हुई थी।
इंस्पेक्टर धूमनगंज राजेश मौर्य की तहरीर पर शाहगंज थाने में तीनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद हत्याकांड की विवेचना एसआईटी को दी गई।
एसआईटी ने शूटरों को पांच दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया था और पूछताछ की। इस दौरान पता चला था कि दिल्ली के गोगी गैंग ने सनी सिंह को विदेशी पिस्टल रखने के लिए दिया था।
लेकिन गोगी की हत्या के बाद पिस्टल लेकर अपने घर भाग निकला। इसके बाद नाम कमाने के लिए अतीक और अशरफ की हत्या की वारदात को अंजाम दिया। हालांकि प्रत्यक्षदर्शी के बयान से कुछ नई जानकारी मिली है, जिसके संबंध में शूटरों से पूछताछ की जानी है।