नई दिल्लीः दक्षिण-पूर्व अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय बीते शुक्रवार को गुजरात के तट से टकराने के बाद तो आगे बढ़ गया, लेकिन पीछे तबाही का मंजर छोड़ गया. नुकसान का आंकलन तो अभी मुश्किल है, लेकिन हर तरफ टूटे घर, उखड़े बिजली के खंभे इस चक्रवाती तूफान के हालात बयां कर रहे हैं. करीब छह सौ पेड़ सड़कों पर गिर गए, जिन्हें हटाने का काम जारी है. इन्हीं सब हालातों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. गृह मंत्री ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया, वहीं एक अस्पताल का भी दौरा किया.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, बिपरजॉय ने राज्य में कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र के आठ जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. हालांकि, पूर्व चेतावनी और पुख्ता तैयारियों ने किसी तरह की जनहानि नहीं होने दी. एक लाख से अधिक लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था. मालूम हो कि 1998 में गुजरात में आए भीषण तूफान में करीब चार हजार लोगों ने जान गंवाई थी.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, 2001 के तूफान में 100 लोग मारे गए थे. कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, भावनगर, बनासकांठा और मोरबी जिलों में शुक्रवार को मूसलाधार बारिश हुई. देवभूमि द्वारका में तो 24 घंटों के दौरान 100 से 200 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग के अनुसार, बनासकांठा और पाटन सहित कई जिलों में रविवार की सुबह तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है. सेना और एनडीआरएफ पूरी मुस्तैदी से तैयार हैं.