Mahakaleshwar Temple Ujjain: श्रावण माह की शुरुआत होते ही उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में भक्तों का आना-जाना शुरू हो गया है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सावन सोमवार का व्रत रख कर उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का दर्शन पूजन करते हैं, उनके जन्म-जन्म के पाप मिट जाते हैं और उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
बाबा महाकाल भी रखते हैं सावन सोमवार का व्रत
वैसे तो पूरे सावन के पवित्र माह में बाबा महाकाल के दर्शन का विशेष महत्व है, लेकिन सावन माह में पड़ने वाले सोमवार के दिन बाबा महाकाल के दर्शन का महत्व कई गुना अधिक बढ़ जाता है. हम सभी सावन माह में बाबा महाकाल के दर्शन पूजन के साथ सावन सोमवार का व्रत रखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि बाबा महाकाल भी सावन सोमवार का व्रत रखते हैं. बता दें कि बाबा महाकाल श्रावण माह में प्रत्येक सोमवार उपवास रखते हैं. सावन माह के प्रत्येक सोमवार को बाबा महाकाल प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं. बाबा महाकाल जब नगर भ्रमण कर भक्तों का हाल जान मंदिर लौटते हैं, तब उन्हें भोग लगाया जाता है.
कब कब निकलती है बाबा महाकाल की सवारी
महाकालेश्वर मंदिर के परंपरा अनुसार सावन महीने में बाबा महाकाल की 4 या 5 सवारियां होती हैं. साथ ही भाद्रपद माह में 2 सवारी निकलती है, लेकिन इस बार अधिक मास होने से 8 सवारी श्रावण की व 2 सवारी भादो मास की कुल 10 सवारी निकलेगी. सावन के हर सोमवार भक्तों का हाल जानने शाही ठाठ बाट के साथ निकलते हैं. हर सोमवार को उनकी अलग-अलग सवारी निर्धारित होती है. आज बाबा महाकाल चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में व गरूड़ रथ पर श्री शिव-तांडव रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे. इस दौरान बाबा महाकाल उपवास रखेंगे. जब वो नगर भ्रमण कर महाकालेश्व मंदिर पहुंचेंगे तो फिर उन्हें भोग लगाया जाएगा.
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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)