नई दिल्लीः उद्धव ठाकरे के नेतृ्त्व वाली शिवसेना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के फैसले के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम के साथ पार्टी का चुनाव चिह्न धनुष-बाण भी शिंदे गुट को आवंटित किया था. अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष इस मामले का जिक्र किया. इस पीठ में जज जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. पीठ ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर पर संविधान पीठ के फैसले का इंतजार करें और हम तारीख देंगे.’’
याचिका में दावा किया गया है कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला सुनाकर गलती की, कि दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता और चुनाव चिह्न आदेश के तहत कार्यवाही अलग-अलग क्षेत्रों में काम करती है और विधायकों की अयोग्यता किसी राजनीतिक दल की सदस्यता की समाप्ति पर आधारित नहीं है. इसमें कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने यह मानकर गलती की कि शिवसेना विभाजित हो गई है.
निर्वाचन आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष और बाण’ उसे आवंटित किए जाने का आदेश दिया था.