Pran Vayu Devta Yojana: पेड़-पौधे हैं तो धरती पर जीवन है. क्योंकि इन्हीं से हमें ऑक्सीजन मिलता है. कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीज़न की सही मायने में अहमियत पता चली. ऐसे में हरियाणा (Haryana) सरकार ने एक अनोखी योजना ‘प्राण वायु देवता योजना’ (Pran Vayu Devta Yojana) लॉन्च की है, जिसके तहत 75 से 150 वर्ष तक के पुराने पेड़ों को 2750 रुपये पेंशन दी जाएगी. आइए आपको बताते हैं इस योजना के बारे में…
बुजुर्ग पेड़ों को मिलेगी पेंशन
पेड़ों के संरक्षण के लिए हरियाणा सरकार ने इस पेंशन के तहत शहरी क्षेत्र और अलग-अलग पंचायतों में स्थित 75 से 150 वर्ष तक के 120 पेड़ों का चुनाव किया है. जिसके बाद जिला वन विभाग ने प्रथम वर्ष की 2750 रुपये पेंशन जारी किया है. जिसके लिए वन विभाग को 3.30 लाख की राशि आवंटित की गई है. पुराने पेड़ों का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि ये पेड़ अपने फैलाव की वजह से अधिक ऑक्सीजन पैदा करते हैं. इस स्कीम को लॉन्च करने का मकसद ये है कि इससे पेड़ों की कटाई पर रोक लगेगी. साथ ही किसानों को भी फायदा मिलेगा. पेड़ों को पेंशन देने के मामले में हरियाणा प्रदेश पहला राज्य बना है.
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9 प्रकार के पेड़ों को मिलेगी पेंशन
‘प्राण वायु देवता योजना’ के तहत 9 प्रकार के पेड़ों को शामिल किया गया है, जिसे पेंशन का लाभ मिलेगा. जिसमें से सबसे अधिक पेड़ पीपल (49) और बरगद (36) हैं. वहीं, पिलखन (11), जांडी (4), जाल व नीम के (2-2) केंदू व कैंब का (1-1) पेड़ शामिल हैं. जिले में स्थित इन सभी पेड़ों की उम्र 75-150 वर्ष तक पाई गई है. वहीं, गोली और काछवा गांव पेड़ों के देखभाल के मामले में सबसे आगे है. इन गांवो में सात-सात पेड़ों को चुना गया है. वहीं 27 गांव ऐसे हैं, जहां 1-1 पेड़ शामिल हैं. शहरी क्षेत्रों में घरौंडा शहर में केवल एक 90 वर्ष का नीम का पेड़ मिला.
पेड़ों को सरंक्षण की जरूरत
जिला वन अधिकारी जय कुमार नरवाल (Jai Kumar Narwal) ने कहा, “पुराने पेड़-पौधे जीवन के लिए ऑक्सीजन का सबसे बड़ा स्रोत हैं और साझा विरासत का हिस्सा हैं. जीवन के लिए ऐसे पेड़ बहुत जरूरी हैं. इसलिए इन्हें सरंक्षण की बेहद जरूरत है. मेरी सभी जिलावासियों से अपील है कि ऐसे पुराने पेड़ो की तलाश करें और पेंशन के लिए आवेदन करें.”