Banke Bihari Temple Mathura: यूपी के मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) की जमीन कब्रिस्तान के नाम से दर्ज हो गई है. इस मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने गंभीरता से लिया है और मथुरा जिले के तहसीलदार छाता से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि शाहपुर गांव के प्लाट 1081 की स्थिति राजस्व अधिकारी द्वारा समय समय पर क्यों बदली गई.
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के नाम दर्ज जमीन को राजस्व अभिलेखों में पहले कब्रिस्तान फिर पुरानी आबादी दर्ज करने को गंभीरता से लिया है और तहसीलदार छाता को 17 अगस्त को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया है. बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया.
जानिए क्या बोले अधिवक्ता
इस पूरे याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने बहस की. उन्होंने बताया कि प्राचीन काल से ही गाटा संख्या 1081 बांके बिहारी महाराज के नाम से दर्ज था. भोला खान पठान ने राजस्व अधिकारियों की मिली भगत से 1994 में उक्त भूमि को कब्रिस्तान दर्ज करा लिया. जानकारी होने पर मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति दाखिल की. मामला वक्फ बोर्ड तक गया और सात सदस्यीय टीम ने जांच में पाया कि कब्रिस्तान गलत दर्ज किया गया है. इसके बावजूद जमीन पर बिहारी जी का नाम नहीं दर्ज किया गया. जिस पर यह याचिका दायर की गई है, कोर्ट ने तहसीलदार छाता को 17 अगस्त को हाजिर होने का आदेश दिया है.
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