उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल स्थित ‘कल्कि धाम’ (Kalki Dham) में 108 कुंडिया शिलादान महायज्ञ का आयोजन किया गया. इस पांच दिवसीय महोत्सव में शामिल होने देश की तमाम दिग्गज हस्तियां कल्कि धाम पहुंची. इस क्रम में भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क (Bharat Express News Network) के सीएमडी व एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय कल्कि धाम पहुंचे. इस दौरान श्री उपेंद्र राय ने आचार्य प्रमोद कृष्णम के साथ यज्ञ में आहुतियां दी.
श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कल्कि धाम के निर्माण-कार्य का लिया है जिम्मा- CMD उपेन्द्र राय
साथ ही, कल्कि धाम निर्माण-कार्य के लिए शिलादान किया. श्री कल्कि धाम में शिलादान के आयोजन में भारत एक्सप्रेस के CMD उपेन्द्र राय (Upendra Rai) ने कहा, “श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कल्कि धाम के निर्माण-कार्य का जिम्मा लिया है. मुझे लगता है कि सैकड़ों वर्ष के इतिहास के बाद कोई ऐसा मंदिर 2030 तक बनकर तैयार होगा, जो वाकई अपने आप में इतिहास को आकर्षित करेगा. उस मंदिर के बनने की जो बातें इतिहास में लिखी जाएंगी, उसमें महाराज (आचार्य प्रमोद कृष्णम) जी का संघर्ष भी लिखा जाएगा, तो संघर्ष गाथा में यह भी लिखा जाएगा कि कैसे एक संत को थाना, कचहरी, पुलिस, लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक धर्म-कर्म के काम के लिए संघर्ष करना पड़ता है.”
सीएमडी उपेन्द्र राय ने आगे कहा, “भगवान ने जब इंसान को बनाया तो देवताओं से कहा था कि मैंने एक बहुत ही उत्कृष्ट चीज बनाई है. वो है- इंसान. तो देवताओं ने सवाल किया कि प्रभु आपने उत्कृष्ट ही बनाया तो सोने से बना देते, चांदी से बना देते, लोहे से बना देते, सबसे निकृष्ट मिट्टी से क्यों बनाया, जो रोज पैरों के नीचे लगती है? तब जवाब देते हुए भगवान ने कहा- श्रेष्ठतम को निकृष्टतम से होकर जाना पड़ता है. श्रेष्ठतम की चुनौती है निकृष्टतम, जब निकृष्टतम से ऊपर उठा तब जाकर श्रेष्ठ बना.
‘आचार्य प्रमोद कृष्णम जैसा हो साधु-संतों का स्वभाव’
इस दौरान सीएमडी उपेन्द्र राय ने आचार्य प्रमोद कृष्णम की प्रशंसा भी की. श्रीराय ने कहा, “महाराज जी हाल में ही ‘आप की अदालत’ में गए थे. वहां इन्होंने अपनी जो कहानी बताई थी, उससे मुझे लगता है कि एक संत को ऐसा ही होना चाहिए. साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय, सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं महाराज जी से बहुत-कुछ सीखता हूं और जब भी कभी मैं दुविधा में होता हूं तो इनके शरण में आता हूं. मैं जब इनसे राय मांगता हूं या जब बात करता हूं, तो ये फोन पर सहज ही उपस्थित हो जाते हैं. ये बहुत व्यस्त होते हैं, लेकिन इनका स्वभाव ऐसा है कि जब किसी का भी फोन आता है तो शांत मन से सुझाव देते हैं. तब हम लोगों को लगता है कि महाराज कितने सुलभ उपस्थित हैं, इनकी यही सुलभता और संतों से इनको बहुत अलग करती है.”
सर्व-धर्म सम-भाव उनको औरों से करता है अलग- सीएमडी उपेन्द्र राय
सीएमडी उपेन्द्र राय ने आगे कहा कि आचार्य प्रमोद कृष्णम का सर्व-धर्म सम-भाव उनको औरों से अलग करता है. उनकी सहजता, सहज-वाणी, उनका हिंदी,उर्दू, अंग्रेजी सभी भाषाओं पर विशेष ज्ञान, कोई जाति-वर्ग विशेष से भेद किए बिना सब लोगों को शामिल करना है. उनका जो सर्व-धर्म सम-भाव वाला स्वभाव है, प्रशंसनीय है. उन्होंने कहा, “महाराज जी सबका स्वागत करते हैं. एक बार, इनसे एक सवाल पूछा गया था कि आप फारूक अब्दुल्ला का भी स्वागत करते हैं और संतों का भी करते हैं, तो इन्होंने कहा था कि उस फारूख अब्दुल्ला का स्वागत मैं क्यों ना करूं जिन्होंने हमारे कल्कि धाम में बैठकर कीर्तन गाए.”
श्री कल्कि धाम में चल रहे कल्कि महोत्सव में आज उपस्थिति रही, जहां सनातन और संस्कृति के परिवेश में मानव कल्याण के सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य पर अपने विचार रखे।@AcharyaPramodk #कल्किधाम #कल्किमहोत्सव #KalkiMahotsav pic.twitter.com/ooak44GLyV
— Upendrra Rai (@UpendrraRai) November 9, 2024
कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भारत एक्सप्रेस को दी शुभकामनाएं
इस अवसर पर कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने भारत एक्सप्रेस की सराहना की. भारत एक्सप्रेस के CMD उपेन्द्र राय का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा, मैं यहां इनकी उपस्थिति से प्रसन्न हूं. मैं इन्हें शुभाशीष देता हूं. श्री कल्कि धाम ट्रस्ट की ओर से मैं उपेन्द्र जी और अन्य सज्जनों का आभार व्यक्त करता हूं. हम चाहते हैं कि इनका कल्कि धाम से एक अटूट संबंध स्थापित हो. हम भगवान से प्रार्थना करते हैं, इनके सारे मनोरथ पूर्ण हों. भारत एक्सप्रेस को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क’ जिस तरह से सनातन के कार्य में लगा है, उसी तरह आगे भी लगा रहे. उन्होंने आगे कहा, कल्कि धाम ही एकमात्र ऐसा पहला धाम है. जो भगवान के अवतार से पहले स्थापित हो रहा है. उन्होंने कहा कि कल्कि धाम ही पहला ऐसा धाम है, जहां भगवान विष्णु के दस अवतार के दस अलग-अलग गर्भगृह हैं.
श्री कल्कि धाम में चल रहे कल्कि महोत्सव में आज मुझे भी शिलादान महायज्ञ में सहभागिता करने का सुअवसर प्राप्त हुआ#KalkiMahotsav #ShiladanMahayagya @narendramodi | @myogiadityanath | @AcharyaPramodk | @PMOIndia | @UPGovt | @myogioffice | @BhaaratExpress https://t.co/3QhDtENanI
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