Lucknow News: राजधानी लखनऊ में घर का सपना हुआ महंगा, ग्रीन कॉरिडोर के चक्कर में ढीली करनी होगी जेब

Lucknow News: लगभग सभी का अपनी जिंदगी में खुद के पैसे से एक सपनों का घर लेने या बनाने का सपना होता है. हालांकि बढ़ती महंगाई में ऐसे कर पाना बहुत मुश्किल है. अगर आप उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में घर बनाने का सपना देख रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है. ऐसा इसलिए क्योंकि राजधानी लखनऊ में घर का सपना महंगा हो गया है. जानकारी के मुताबिक ग्रीन कॉरिडोर के चक्कर में आम जनता को अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी. इसको लेकर एलडीए ने तैयारी कर ली है.

आपको बता दें कि ग्रीन कॉरिडोर का खर्च जनता से वसूलने की लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) तैयारी कर रहा है. अब निर्माण कार्य पर 55 हजार से 5 लाख तक नक्शा शुल्क बढ़ेगा. इसके अलावा ढाई किलोमीटर के दायरे में निर्माण पर नक्शा शुल्क बढ़ेगा. वहीं, ग्रुप हाउसिंग और नई कॉलोनियां बनाने वालों पर करोड़ों का शुल्क भी लगाया जाएगा. दरअसल, 550 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से सुविधा शुल्क लगाया जाएगा. तो वहीं बता दें कि 7704 करोड़ की लागत से 28 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाने की योजना है.

बैठक में लिया गया फैसला

मालूम को कि दो दिन पहले ही एलडीए बोर्ड की 178वीं बैठक आहुत हुई थी, जिसमें बेघर और बेरोजगारों के हित में कई फैसलों पर निर्णय लिया गया है. एलडीए के फैसले के बाद अब जनता आसान किस्तों पर मकान (फ्लैट) एवं दुकान खरीद सकती है तो वहीं, एलडीए की योजनाओं के तहत बने घरों व दुकानों को जोड़कर आकार भी बढ़ाया जा सकेगा. इसी तरह बड़े मकान एवं दुकान (कम से कम 1000 वर्ग फीट) के दो से अधिक हिस्से करके उस पर निर्माण कार्य भी कराया जा सकेगा. इसी के साथ एलडीए ने आउटर रिंग रोड और ग्रीन कॉरिडोर के तय दायरे में निर्माण करने वालों से विशेष सुख-सुविधा वसूले जाने की भी योजना बना ली है.

1700 फ्लैट को बेचने की बोर्ड ने दी मंजूरी
शनिवार को एलडीए चेयरमैन एवं मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में बैठक हुई थी जिसमें 29 प्रस्तावों को चर्चा के बाद हरी झंडी दी गई. इस मौके पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त डॉ. इंद्रजीत सिंह भी बैठक में उपस्थित रहे तो वहीं एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने मीडिया को जानकारी दी कि, विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े 1700 फ्लैट को किस्त पर बेचने की बोर्ड ने मंजूरी दे दी है.

उन्होंने योजना की आगे जानकारी देते हुए बताया कि, ये फ्लैट आम जनता के साथ ही सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों एवं बैंकों के कर्मचारी खरीद सकते हैं. इसी के साथ एलडीए उपाध्यक्ष ने आगे जानकारी दी कि, आम जनता के लिए डाउनपेमेंट फ्लैट की कीमत का 35 फीसदी और सरकारी तथा अर्द्ध सरकारी विभागों एवं बैंकों के कर्मचारियों के लिए 25 फीसदी तय किया गया है.

More Articles Like This

Exit mobile version