UP News: महाराष्ट्र की सियासी फिजा में इन दिनों उथल पुथल मचा हुआ है. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश में भी सियासी पारा हाई होने लगा है. सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र जैसी टूट यूपी में भी हो सकती है. इसके लेकर सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने बड़ा दावा किया है. ओपी राजभर के बयान के बाद राज्य में सियासी हलचल भी बढ़ गई है. राजभर का दावा है कि सपा के (Samajwadi Party) कई विधायक उनके संपर्क में हैं.
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ओम प्रकाश राजभर का दावा है, “सपा भी जल्द टूटेगी. सपा टूटने के कगार पर है. सपा के बहुत सारे नेता और विधायक हमारे साथ हैं. सपा का हाल भी एनसीपी जैसा होने वाला है. अब आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी सपा के साथ नहीं हैं. अखिलेश यादव और जयंत चौधरी का गठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच चुका है. जयंत चौधरी भी हमारे संपर्क में हैं. समय आने पर सबको पता चल जाएगा.”
एएनआई को दिए एक बयान में उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में जो हुआ वह उत्तर प्रदेश में दोहराया जाने वाला है। समाजवादी पार्टी के कई नेता पार्टी छोड़कर यूपी सरकार में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. सपा सांसद अखिलेश यादव से नाराज हैं. उन्हें अपना नहीं दिख रहा है.” सपा में भविष्य. सपा नेताओं के पार्टी छोड़ने का कारण यह है कि अखिलेश यादव तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से मिलने जा रहे हैं, लेकिन उनकी मुलाकात मायावती से नहीं हुई. बसपा और मायावती उत्तर प्रदेश में गेम चेंजर हैं. अगर मायावती जी तैयार हैं तो मैं तैयार हूं उनकी पार्टी के साथ गठबंधन हो, कांग्रेस भी यही चाहती है. 2024 में हम एक बिल्कुल नया मोर्चा देख सकते हैं.”
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सुप्रिया सुले से की बात
वहीं दूसरी ओर सूत्रों की मानें तो एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले से मैनपुरी की सपा सांसद डिंपल यादव ने फोन पर बात की है. सुप्रिया सुले और और डिंपल यादव सांसद होने के साथ ही एक अच्छे दोस्त भी हैं. इसके अलावा सूत्रों के अनुसार सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सोमवार को शरद पवार से बात की है. सपा प्रमुख ने शरद पवार को भरोसा दिया है और साथ रहने का वादा भी किया है.
सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में रविवार को शपथ लेने वाले अजित पवार के साथ राकांपा के 40 से अधिक विधायक और करीब छह विधान पार्षद हैं. गौरतलब है कि राकांपा के महाराष्ट्र विधानमंडल में 53 विधायक और विधान पार्षद हैं. अजित पवार ने दावा किया है कि राकांपा में विभाजन नहीं हुआ है और सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों (पार्टी के) ने सरकार में शामिल होने का फैसला किया है.