लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में क्रान्तिकारी बदलाव लाने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को राज्यसभा उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है. आज नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद उनके निर्वाचन की घोषणा चुनाव अधिकारी द्वारा की गई. डा. शर्मा इस सीट पर हुए चुनाव के लिए नामाकंन दाखिल करने वाले इकलौते उम्मीद्वार थे.
इस मौके पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एवं भाजपा के केन्द्रीय व प्रदेश नेतृत्व के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि नेतृत्व ने जो भरोसा जताया है उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे. अब केन्द्र में 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनाने में योगदान एकमात्र लक्ष्य होगा. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उभरते भारत को दुनिया के शीर्ष पर स्थापित कर देगा. उन्होंने मोदी और योगी सरकार की उपलब्धियों को बेमिसाल बताते हुए कहा कि गरीब कल्याण की योजनाए गरीबो का शोषण करने वाले विपक्षी दलों को रास नहीं आ रही हैं. यह उनकी बौखलाहट का कारण है.
डॉ. शर्मा को प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाकर उसे देश में एक माडल के तौर पर स्थापित करने के लिए जाना जाता है. उनके शिक्षा विभाग की कमान संभालने के दौरान ही यूपी में नकल विहीन परीक्षा कराने पाठ्यक्रम का परिवर्तन शुल्क नियंत्रण अधिनियम निजी विश्वविद्यालय एक्ट सभी विश्वविद्यालय में शोधपीठ सत्र नियमितीकरण रिक्त स्थानों पर अध्यापकों एवं प्रधानाचार्य की पारदर्शी नियुक्ति 78,000 लेक्चरर्स की डिजिटल लाइब्रेरी शोध गंगा पोर्टल अनुदानित विद्यालयों में अलंकार योजना अवकाश के समय सभी देयो का भुगतान संस्कृत संस्थान का संगठन संस्कृत अध्यापकों की नियुक्ति संस्कृत निदेशालय निर्माण की प्रक्रिया का प्रारंभ होना आदि ऐसे कार्य किए थे, जिन्होंने बीजेपी का संकल्प भी पूरा किया था. डॉ. शर्मा के समय में प्रदेश को नई शिक्षा नीति को लागू करने में अग्रणी रहने का सौभाग्य मिला था. उनके समय में उच्च शिक्षा क्षेत्र में की गई तपस्या का परिणाम है कि आज प्रदेश के विश्वविद्यालयों को नैक की रेटिंग में ‘A++’ ग्रेड मिल रहा है. उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा के कोर्स में आजादी के बाद पहली बार परिवर्तन का कार्य भी उनके कार्यकाल में सम्पन्न हुआ. शिक्षा क्षेत्र में यूपी को अग्रणी बनाने के साथ ही उन्होंने प्रदेश को मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाया था. आज देश में बनने वाले 100 मोबाइल में से 70 प्रदेश में ही बन रहे हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर डॉ शर्मा का जन्म 12 जनवरी 1964 को स्व. केदारनाथ शर्मा पाधा जी व स्व. शान्ति शर्मा के घर में हुआ था. उनकी धर्मपत्नी जय लक्ष्मी शर्मा भी लखनऊ विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर है. डॉ. शर्मा उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग तथा इलेक्ट्रनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी के साथ-साथ विधान परिषद में नेता सदन का पद भी संभाल चुके हैं. उनके कार्यकाल में इन विभागों ने तमाम उपलब्धियां हासिल करने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का मान बढ़ाया . उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सदस्यता महा अभियान के प्रभारी एवं गुजरात के प्रभारी की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई थी. वे भाजपा के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान के प्रमुख भी रहे तथा उस समय भाजपा विश्व की सबसे अधिक सदस्यता वाली पार्टी बनी थी. पार्टी का यह रिकार्ड गिनीज बुक में भी दर्ज हुआ था. वे लगातार लगभग 11 वर्ष तक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के महापौर रहे थे. दूसरे कार्यकाल के लिए उन्होंने चुनाव में रिकार्ड जीत दर्ज कर लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया था, इजराइल में हुए वर्ल्ड नियर कॉन्फ्रेंस में मोस्ट माननीय मेयर, कोरिया द्वारा आयोजित 70 से अधिक देशों के सम्मेलन में डॉक्टर शर्मा को पीस एंबेसडर के सम्मान से सम्मानित किया गया. वे हरियाणा मुख्यमंत्री चयन तथा राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में पर्यवेक्षक भी रहे थे. वे प्रदेश की मेयर काउन्सिल के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे थे.
उन्होंने राष्ट्रीय युवा आयोग के सदस्य, पर्यटन निगम यूपी के वाइस चेयरमैन, प्रथम एफ्रोएशियन खेल की वित्त समिति के उपाध्यक्ष, भारतीय शिक्षण मंडल के सदस्य, पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव संयोजक , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल राज मिश्र एवं स्वर्गीय लाल जी टंडन के चुनाव संयोजक, भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, भाजपा युवा मोर्चा यूपी के उपाध्यक्ष व तीन कार्यकाल तक अध्यक्ष, विश्व संवाद केन्द्र लखनऊ में उपाध्यक्ष तथा विश्व संवाद पत्रिका के संपादक जैसी तमाम जिम्मेदारियों का सफल निर्वहन किया. वे सेवा चेतना पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक तथा धर्म कलियुग व अटेन्शन मासिक पत्रिका के सम्पादक भी रहे. डॉ. शर्मा को जेरूसलम में 71 देशों के सम्मेलन में मोस्ट आनरेबिल मेयर के सम्मान से सम्मानित किया गया था. उन्हें कोरिया के यूनिवर्सल पीस फेडरेशन ने शान्ति दूत सम्मान से नवाजा गया था.
वे प्रारम्भ से ही बड़े मेधावी थे तथा सभी परीक्षाए प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थीं. उन्होंने शिक्षाविद् के रूप में 6 पुस्तकों व तीन दर्जन से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया. उनके अंदर में 23 से अधिक शोधार्थियों ने पीएचडी की है उन्हें कई देशों में लेक्चर के लिए भी आमंत्रित किया गया. विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में कई प्रदेशों में उन्होंने धुआंधार सभा की जिसमें भारी भीड़ एकत्रित हुई थी पिछली सरकार के उत्तर प्रदेश में गठन के पास से ही उन्होंने अपनी सक्रियता को और बढ़ते हुए पूरे देश में कई बड़े कार्यक्रम किए जिसमें उत्तर प्रदेश के 63 जिले भी शामिल है.