सावन के आखिरी सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

Sawan Last Somwar: सावन का आखिरी सोमवार आज है. इस बार सावन कुल दो महीने का रहा, ऐसे में कुल 8 सोमवार इस सावन पड़े हैं. आज सावन के आखिरी सोमवार के दिन देश भर के शिवालयों में भारी भीड़ देखने को मिली है. देश भर में भक्त शिव मंदिरों का रुख किए नजर आ रहे हैं. इस बीच यूपी के प्रयागराज से एक तस्वीर सामने आई है. प्रयागराज के शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. आपको बता दें कि यमुना तट स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर में तड़के सुबह से ही शिवभक्त लंबी कतार लगाए दिखे. शिव भक्तों में से कोई भगवान शिव पर बेलपत्र, धतूरा, फूल अर्पित कर रहा है तो कोई भगवान भोलेनाथ को दूध अर्पित कर रहा है. सावन के आखिरी सोमवार के दिन संगम में लगभग सभी शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. चारों ओर हर हर महादेव और बम बम की गूंज सुनाई दे रही है.

मनकामेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़
सावन का महीना भगवान शंकर का प्रिय महीना होता है. इस विशेष महीनें में सोमवार का विशेष महत्व होता है. ऐसे में आज सावन का आखिरी सोमवार है. इस बार अधिकमास होने के कारण ये सावन दो महीनों का रहा. ऐसे में आज 8वां और आखिरी सोमवार है. प्रयागराज के सभी शिवालयों में भक्तों की सुरक्षा को लेकर तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं. इस बीच मनकामेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी संख्या देखने को मिल रही है. हर कोई आज के दिन भगवान भोलेनाथ की भक्ति में डूबा नजर आ रहा है.

सोमवार पर शिव अराधना का अलग महत्व
श्रावण माह में भगवान शिव की पूजा विशेष रुप से की जाती है. शास्त्रों में इस बात का वर्णन है कि सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना होता है. ऐसी मान्यता है कि सावन के पूरे महीने में भगवान शिव सभी शिवालयों में अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान रहते हैं. कहा जाता है कि सावन के सोमवार के दिन अगर सच्चे मन से भगवान शंकर की पूजा अराधना मन से की जाए तो सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही वजह है कि शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.

यह भी पढ़ें-

Name Personality: रोमांटिक और नैचुरल होते हैं S अक्षर के नाम वाले, मेहनत से प्राप्त करते हैं सफलता

Rashifal: सावन के आखिरी सोमवार के दिन इन 2 राशियों पर बरसेगी महादेव की कृपा, जानिए राशिफल

More Articles Like This

Exit mobile version