Yogi Adityanath Government News: आपने कई बार ऐसी खबरें पढ़ी या देखी होंगी, जब पैसे या प्रॉपर्टी के लिए बच्चे अपने मां-बाप को ही घर से बाहर निकाल देते हैं. शादी के बाद बच्चों के बुरे व्यवहार के चलते कई बार माता-पिता अनाथाश्रम में शरण लेने को मजबूर हो जाते हैं. बुजुर्ग माता-पिता की इस समस्या को लेकर बॉलीवुड में बागबान जैसी फिल्में भी बन चुकी हैं. ऐसे में योगी सरकार ने पीड़ित बुजुर्गों की मदद करने के लिए एक बड़ा कानूनी बदलाव करने जा रही है, ताकि वो सम्मान के साथ अपनी जिंदगी जी सकें.
संपत्ति से बेदखल करने का होगा अधिकार
माता-पिता के लिए शैतान बन जाने वाली संतानों के लिए योगी सरकार ने एक ठोस कदम उठाया है. बुजुर्ग या वरिष्ठ नागरिकों के साथ अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे है. जिसे देखते हुए नए कानून पर काम चल रहा है. इस कानून के तहत, जो भी संतान अपने माता-पिता को परेशान करेगी, उसे 30 दिनों के अंदर वारिस संपत्ति के अधिकार से बेदखल कर दिया जाएगा. पुलिस भी इसमें अपना पूरा सहयोग देगी. समाज कल्याण विभाग की ओर से नियमावली में परिर्वतन की तैयारियां शुरूआत कर दी है. पिछले शुक्रवार इसको लेकर सीएम योगी के सामने प्रजेंटेशन दिखाया गया. यह कानून ऐसी शैतान बन जाने वाली संतानों पर लगाम लगाने वाला साबित हो सकता है.
केंद्र की तर्ज पर राज्य ने लागू किया एक्ट
केंद्र सरकार की ओर से, वर्ष 2007 में बुजुर्गों को लेकर एक्ट बनाया गया. माता-पिता और बुजुर्गों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 में वरिष्ठ नागरिकों को कई अधिकार दिए गए. वर्ष 2014 में योगी सरकार ने इसे स्वीकार करते हुए नियम लागू किया. इस नियमावली में परिवर्तन को लेकर राज्य सप्तम विधि आयोग ने सिफारिश की है. इस वक्त के नियमावली में अगर कोई अपने माते-पिता का ध्यान नहीं रखता है तो, उसे कानून के तहत हर माह अधिकतम 10 हजार रुपए भरण-पोषण भत्ता देने और एक महीने की सजा हो सकती है. नई नियमावली में कई परिवर्तन किए जाएंगे.
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