UP एटीएस की रिमांड पर PFI सदस्य मुनीर, पूछताछ में हो सकते हैं बड़े खुलासे

UP News: यूपी एटीएस ने पीएफआई के सदस्य को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. पीएफआई सदस्य को पश्चिमी यूपी में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी मिली थी. एटीएस द्वारा गिरफ्त आरोपी की पहचान मुजफरनगर निवासी मुनीर आलम के रूप में हुई है. फिलहाल मुनीर आलम से पूछताछ चल रही है. बताया जा रहा है कि पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर निवासी मुनीर आलम 2015 से PFI के लिए सक्रिय तौर पर काम कर रहा था. मुनीर को PFI से फंडिंग भी की जाती थी. पूर्व में गिरफ्तार मौलाना शादाब के संपर्क में आने पर मुनीर आलम PFI का सदस्य बना था.

जानिए पूरा मामला
दरअसल, यूपी एटीएस ने कुछ समय पहले मौलाना शादाब, अजीज काशमी, मौलाना साजित, मौलाना इस्लाम कासमी और मुफ्ती शहजाद को गिरफ्तार किया था. इनसे कड़ाई से किए गए पूछताछ में मुफ्ती शहजाद का नाम सामने आया. जिसके बाद यूपी एटीएएस मुनीर आलम की तलाश में जुटी और मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर छापेमार कार्रवाई कर उसे पकड़ लिया.

ज्ञात हो कि मुनीर आलम पीएफआई के हिडेन एजेंडा के लिए काम कर रहा था. वह पीएफआई की एडहॉक कमेटी का सदस्य भी है. यूपी एटीएस द्वारा पूछताछ में मुनीर ने बताया कि वह 2015 में पीएफआई से जुड़ा और उसे कई बार पीएफआई के मुख्यालय शाहीन बाग दिल्ली में लाया गया. उसके काम और लगन को देखते हुए 2017 में उसे उत्तर प्रदेश के एडहॉक कमेटी का मेंबर बनाया गया. मुनीर मौलाना शादाब और अजीज काशमी के साथ मिलकर पश्चिमी यूपी के संगठन को मजबूत करने का काम करते हैं. पीएफआई के तरफ से मुनीर को प्रचार प्रसार के लिए फंडिग भी की जाती है.

10 द‍िनों की पुल‍िस र‍िमांड
एटीएस के प्रार्थनापत्र पर कोर्ट ने छह जुलाई से मुनीर की दस दिनों की पुलिस रिमांड स्वीकृत की है. एटीएस गुरुवार को उसे अपनी रिमांड पर लेकर कई बिंदुओं पर पूछताछ शुरू करेगी. मुनीर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए उग्र प्रदर्शनों में शामिल रहा था और जेल भी गया था. बताया जा रहा है मुनीर से पूछताछ में पीएफआई से जुड़े कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः Life Threatening: शादी के बाद लिव इन में रह रही महिला ने HC से मांगी सुरक्षा, याचिका खारिज कर कोर्ट ने बताई वजह

More Articles Like This

Exit mobile version