Common Civil Code in Uttar Pradesh: उत्तराखंड के बाद अब देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में (UCC) समान नागरिक संहिता को लेकर हलचल तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि यूपी सरकार इसको लेकर बहुत जल्द कोई बड़ा फैसला ले सकती है.
आपको बता दें कि देश में यूसीसी को लेकर जिस तरह का माहौल बन रहा है. उसके बाद से विधि आयोग एक बार फिर से सक्रिय हो गया है. राज्य विधि आयोग ने पहले ही समान नागरिक संहिता (Common Civil Code) लागू करने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी, जिसमें आयोग ने कहा था कि क्रिमिनल लॉ यानी आपराधिक कानून की तरह राज्य में समान नागरिक संहिता को ऐसे लागू करें कि सभी धर्म में स्वीकार हो. माना जा रहा है कि राज्य विधि आयोग इस मामले में जल्द ही यूपी सरकार को अपनी सिफारिशें भेज सकता है.
उत्तराखंड में जल्द होगा लागू
ज्ञात हो कि इससे पहले बीजेपी शासितराज्य उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड पर बात काफी आगे बढ़ चुकी है. उत्तराखंड में राज्य विधि आयोग ने यूसीसी पर एक विशेष समिति का गठन किया था, जिसने राज्य में लाखों लोगों से राय मशविरा करके इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भी राज्य सरकार को सौंप दी है. अब उत्तराखंड विधानसभा में बिल पारित होते ही राज्य में समान नागरिक संहिता का कानून लागू हो जाएगा.
जानिए क्या कहता है विधि आयोग
दरअसल, यूसीसी को लेकर राष्ट्रीय विधि आयोग द्वारा यूपी सरकार समेत सभी राज्य सरकारों से हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी समेत अन्य धर्म में शादी, तलाक, संपत्ति बंटवारा, उपहार और गोद लेने जैसे मुद्दों की मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट और सुझाव मांगा गया है. राष्ट्रीय विधि आयोग की इस मांग पर यूपी सरकार ने राज्य विधि आयोग से राय मांगी थी. जिसके बाद राज्य विधि आयोग द्वारा रिपोर्ट बनाकर उत्तर प्रदेश शासन को सौंप दिया गया है. राज्य विधि आयोग का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 37 के तहत, कॉमन सिविल कोड लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन इसे इस तरह लागू किया जाए, जिससे किसी धर्म पर बोझ न बने. समान नागरिक संहिता के नियम और शर्तें ऐसी होनी चाहिए जो सभी धर्म में स्वीकार्य हों.