Telangana Famous Temples: भारत का हर राज्य तीर्थस्थलों से भरा हुआ है. जो अपनी पवित्रता के लिए प्रतिष्ठित हैं. भारत का एक नवसृजित राज्य है, जिसने अपनी परम्परा, संस्कृति और खूबसूरत मंदिरों की वजह से दुनियाभर में लोकप्रियता हासिल की है और वो राज्य है तेलंगाना (Telangana). यहां काकतीय, चालुक्य और मौर्य राजवंशों ने कई मंदिरों (Telangana Temples) का निर्माण करवाया था, जो आज पूजा स्थलों के रूप में जाने जाते हैं. तेलंगाना के भव्य मंदिर अद्भुत वास्तुकला और चमत्कारिक घटनाओं का उदाहरण हैं. आइए आपको बताते हैं इन मंदिरों के बारे में…
रामप्पा मंदिर (Ramappa Temple)
तेलंगाना राज्य का रामप्पा मंदिर (Ramappa Temple) सबसे फेमस है. ये मंदिर हैदराबाद से लगभग 157 किमी की दूरी पर घाटी में स्थित है. इस मंदिर की खास बात ये है कि इसे किसी भगवान के नाम से नहीं जाना जाता है, बल्कि जिसने इसका निर्माण करवाया है, उसके नाम पर ही मंदिर का नाम रखा गया है. मंदिर में भगवान रामलिंगेश्वर, जिन्हें भगवान शिव का दूसरा रूप कहा जाता है, उनके दर्शन के लिए हजारों भक्त आते हैं. मंदिर को तारे के आकार में बनाया गया है और स्तंभों में भी खूबसूरत नक्काशी की गई है.
सांघी मंदिर (Sanghi Temple)
तेलंगाना के सबसे मशहूर मंदिरों में से एक है सांघी मंदिर (Sanghi Temple). ये हैदराबाद से 30 किमी की दूर पर सांघी नगर में स्थित है. इस मंदिर की अद्भुत संरचनाएं देखने लायक हैं. इस मंदिर का इष्टदेव भगवान वेंकटेश्वर को माना जाता है. यहां हर साल भक्तों का ताता लगा रहता है. पूजा-अर्चना के बाद आप पवित्र उद्यान का भी आनंद उठा सकते हैं.
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चिलकुर बालाजी मंदिर (Chilkur Balaji Temple)
हैदराबाद से 25 किमी दूर है चिलकुर बालाजी मंदिर (Chilkur Balaji Temple). ये मंदिर वीजा बालाजी के नाम से भी प्रसिद्ध है. इससे जुड़ी एक मान्यता है कि दर्शन करने के बाद भगवान भक्तों को वीजा देते हैं. जो भी यहां नौकरी की अभिलाषा लेकर जाता है, वो कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है. इस मंदिर में भगवान को हवाई जहाज चढ़ाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसे चढ़ाने से वीजा मिल जाता है.
हजार खम्भों वाला मंदिर (Thousand Pillar Temple)
प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है तेलंगाना का हजार खंभों वाला मंदिर. ये यूनेस्को की शीर्ष विरासत स्थलों से सूचीबद्ध है. इस मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में करवाया गया था. मुख्य रूप से ये मंदिर सूर्य देवता, भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित हैय तीनों भगवान की मौजूदगी के कारण इस मंदिर को त्रिकूटालयम के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर के एक हजार खंभे इसे दूसरे मंदिरों से सबसे अलग बनाते हैं.