UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Chunav 2024) की तैयारियों में सभी पार्टियां लग गई हैं. इस बीच यूपी के गाजीपुर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो अपने आप में काफी कुछ बयान कर रही है. ये तस्वीर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और गाजीपुर लोकसभा सीट से बसपा सांसद अफजाल अंसारी की है. बताया जा रहा है कि पूर्वांचल में बीजेपी का विजय रथ रोकने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश ने किलाबंदी शुरु कर दी है. चर्चा है कि लोकसभा चुनाव से पहले बसपा सांसद अफजाल अंसारी सपा में शामिल हो सकते हैं.
पूर्वांचल में ढह सकता है बीएसपी का 2 किला
माना जा रहा है कि पूर्वांचल में बीएसपी का 2 किला जल्द ढह सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि बीते दिनों पूर्वांचल में बीएसपी के कद्दावर नेता और जौनपुर सांसद श्याम सिंह यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी. तब से कयास लगाया जा रहा है कि वो भी जल्द कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो बीएसपी चीफ मायावती को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका लग सकता है.
बताया जा रहा है कि पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार की नजदीकी सपा प्रमुख अखिलेश यादव से बढ़ने लगी है. अखिलेश यादव कल गुरुवार को अफजाल अंसारी की बेटी की शादी में शामिल होने पहुंचे थे. माना जा रहा है समाजवादी पार्टी अफजाल अंसारी को गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है. सपा के बड़े नेताओं का शादी में आना इस बात का प्रबल संकेत माना जा रहा है. दरअसल, अखिलेश यादव के अलावा पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव और पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी भी इस दौरान मौजूद रहे. लखनऊ के एक होटल में अफजाल की बेटी का शादी समारोह आयोजित किया था.
गाजीपुर सीट रही है प्रतिष्ठा का प्रश्न
आपको बता दें कि गाजीपुर सीट पिछले तीन दशक से बीजेपी, सपा और बसपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न रही है. राममंदिर आंदोलन के दौरान यहां भाकपा के विश्वनाथ शास्त्री जीते थे. वहीं, साल 1996 में बीजेपी नेता और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पार्टी को विजय दिलाई थी. साल 1998 के लोकसभा चुनाव में सपा के ओम प्रकाश सिंह ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद साल 1999 में एक बार फिर बाजी मनोज सिन्हा के हाथ लगी.
दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं अफजाल अंसारी
साल 2004 के चुनाव में अफजाल अंसारी ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव में जीत दर्ज की. इसके बाद साल 2009 में राधेमोहन सिंह सपा से जीते. इसके बाद मोदी लहर में 2014 में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से मनोज सिन्हा ने तीसरी बार चुनाव जीता. इसके बाद बसपा-सपा गठबंधन कर 2019 में चुनाव लड़ा. तब बसपा के टिकट से अफजाल अंसारी ने मनोज सिन्हा को हराकर जीत दर्ज की. बताया जा रहा है कि इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर अफजाल अंसारी दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं.
बनकर रह जाएगा महज असफल प्रयोग
ऐसा अंदाजा इसलिए भी लगाया जा रहा है कि अंसारी परिवार के दो चिराग मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी मऊ सदर सीट से सुभासपा-सपा गठबंधन में 2022 के चुनाव में सुभासपा के टिकट पर विधायक बना. वहीं, गाजीपुर की मुहम्मदाबाद सीट से मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी का बेटा मन्नु अंसारी सपा के टिकट पर सिटिंग विधायक है. मन्नु अंसारी ने स्वर्गीय भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय को हराकर विधानसभा चुनाव 2022 में जीत दर्ज किया. अब देखना ये है कि आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी के विजय रथ रोकने में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की रणनीति कितनी कारगर साबित होगी. ये पहले की तरह ये सब महज एक असफल प्रयोग ही बनकर रह जाएगा.