MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे टिकट दावेदारों की धड़कने बढ़ती जा रही हैं. चुनावी राज्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीते गुरुवार को जहां बीजेपी ने कुछ प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है. वहीं कांग्रेस टिकट बटवारे को लेकर अलग-थलग दिख रही है. बता दें कि टीकमगढ़ विधानसभा में कांग्रेस को गुटबाजी से निपटना पड़ रहा है. यहां टिकट को लेकर एक तरफ पुराने दावेदार मंत्री यादवेंद्र सिंह हैं और दूसरी तरफ 6 नेता हैं.
जानिए पूरा मामला
गौरतलब है कि कांग्रेस ने कहा कि पार्टी द्वारा स्थानीय लेवल पर सर्वे कराकर उसी आधार पर टिकट दिया जाएगा. ऐसे में स्थानीय तौर पर नेता टिकट के लिए एड़ी से चोटी तक जोर लगा रहे हैं. बताते चले कि दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रह चुके यादवेंद्र सिंह बुंदेला टीकमगढ़ विधानसभा में कद्दावर नेता के तौर पर जाने जाते हैं. इसलिए पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह बुंदेला को कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही दाव पर लगाती है. बीते दो बार से वो कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव हार चुके हैं. इसके बावजूद यादवेंद्र सिंह बुंदेला कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा चेहरा हो सकते हैं. हालांकि टीकमगढ़ विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अलग खेमे में नजर आ रहे हैं.
दो गुटो में दिख रही कांग्रेस!
आपको बता दें कि टीकमगढ़ विधानसभा में इस बार टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस दो गुटों में दिखती नजर आ रही है. एक तरफ पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह बुंदेला हैं, तो दूसरी तरफ इस सीट से कांग्रेस के 6 चेहरे दूसरे पाले में खड़े दिखाई दे रहे हैं. इनमें महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष वर्तमान पार्षद पूनम रजनी जायसवाल, अजय यादव, अनिल बड़कुल पार्थ सिंह सहित सभी चाहते हैं कि इस बार पार्टी द्वारा हम में से किसी एक को टिकट दिया जाए. वहीं पूर्व इन नेताओं की गुटबाजी के चलते यादवेंद्र सिंह अलग थलग पड़ गए हैं.
ज्ञात हो कि टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी के अंदर किसी भी तरह की गुटबाजी नहीं है. सभी को दावेदारी करने का अधिकार है. इसलिए टिकट मांग रहे हैं. लेकिन अब देखने वाली बात यह भी होगी कि यदि कांग्रेस सही तरीके से टिकट का बंटवारा नहीं करती है, तो टीकमगढ़ विधानसभा में इन नेताओं की गुटबाजी भारी पड़ सकती है.
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