MP Politics, Malkhan Singh Joins Congress: मध्य प्रदेश में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको लेकर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है. जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे राजनीतिक पार्टियां दिग्गज नेताओं को अपने खेमे में लेने का प्रयास कर रही है. नेताओं के दल बदल की राजनीति इस समय आम जनता में खूब सुर्खियां बटोर रही है. इस बीच चंबल के बीहड़ के डकैत मलखान सिंह, जिनका नाम सुनकर लोग थरथर कांपते थे, उसने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी पूर्व डकैत मलखान सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. पूर्व डकैत मलखान सिंह ने कांग्रेस का हाथ थामते हुए कहा कि पहले अन्याय के खिलाफ उन्होंने बंदूक उठाई थी, और अब अत्याचार के खिलाफ बिगुल बजा दिया गया है.
जानिए क्यों थामा कांग्रेस का हाथ
दरअसल, जब मलखान सिंह पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में जब भोपाल में कांग्रेस का हाथ थामा तो सब चौंक गए. क्योंकि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मलखान सिंह ने बीजेपी के पक्ष में प्रचार किया था. पूर्व डकैत मलखान सिंह ने पहले भाजपा ज्वाइन कर ली थी, उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिसके बाद वे कांग्रेस का हाथ थाम लिया.
जानिए क्यों कहा जाता है डकैत
गौरतलब है कि एक समय जब चंबल के बीहड़ डकैतों की गोलियों से गूंजते थे. उस समय मलखान को डकैतों का राजा भी कहा जाता था. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार चंबल के बीहड़ में डकैत मलखान सिंह का नाम सुनकर लोग थरथर कांपते थे. मलखान सिंह खुद को डकैत कहलाना पसंद नहीं करता थे. उन्हें जो डकैत कहता उन्हें वे खत्म कर देते थे. प्राप्त जानकारी के अनुसार जब मलखान सिंह ने सरेंडर किया, तब तक उनके ऊपर 94 अपराधिक मामले दर्ज हो चुके थे.
राम मंदिर मामले में उठाई थी बंदूक
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राम मंदिर की 100 बीघा जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था. जिसके बाद मलखान सिंह राम मंदिर की जमीन को लेकर हुए विवाद के बाद बंदूक उठाई थी. जब मंदिर की जमीन से कब्जा हटाया गया उसके बाद उन्होंने बंदूक छोड़ दी.
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