Lok Sabha Election 2024: I.N.D.I.A. से मायावती ने किया किनारा, गठबंधन को लेकर कही ये बड़ी बात

Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव भले ही साल 2024 में होने हैं, लेकिन इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी में लग गई हैं. जहां केंद्र की बीजेपी सरकार को हराने के लिए तमाम विपक्षी पार्टियों ने मिलकर (I.N.D.I.A.) ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया है. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन को लेकर अपना पक्ष एकदम साफ कर दिया है और किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है.

जानिए किसे मिल सकती है जिम्मेदारी
दरअसल, बुधवार को बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई और एजेंडे को साफ कर दिया कि वे किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगी. बता दें कि इस बैठक में मायावती के भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद ने भी शिरकत किया. इस दौरान मायावती ने भतीजे के कंधे पर हाथ रखकर सियासी संदेश भी दे दिया है.

यूपी के सभी सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार
मायावती ने कहा पार्टी को अपने उम्मीदवारों के चयन में सावधानी बरतनी होगी. लोकसभा चुनाव में पार्टी सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव में उतरेगी. बसपा प्रमुख ने कहा, “गठबंधन की वजह से लाभ की बजाय पार्टी को नुकसान ज्यादा उठाना पड़ा है. बसपा का वोट तो स्पष्ट तौर पर गठबंधन वाली दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाती है, लेकिन दूसरी पार्टियां अपना वोट बसपा उम्मीदवारों को ट्रांसफर कराने की न सही नीयत रखती हैं और न ही क्षमता, जिससे बसपा के लोगों का मनोबल प्रभावित होता है. इसलिए बसपा सत्ता या विपक्ष दोनों गठबंधनों से दूर रहती है. गठबंधन करने से हमेशा बीएसपी को नुकसान हो जाता है. हमारा वोट दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है. जबकि दूसरी पार्टियां अपना वोट बसपा उम्मीदवारों को ट्रांसफर करवाने में मदद नहीं करती हैं. इस कड़वी हकीकत को नजरअंदाज करके आगे नहीं बढ़ा जा सकता है.”

बीजेपी पर साधा निशाना
मायावती ने आगे कहा कि जहां तक चुनावी माहौल का सवाल है तो इस सम्बंध में हर तरफ से फीडबैक यही है कि भाजपा की खासकर संकीर्ण, जातिवादी, व साम्प्रदायिक राजनीति तथा द्वेषपूर्ण कार्यकलापों ने सभी का जीवन दुःखी व त्रस्त कर रखा है. इस कारण भाजपा अपना प्रभाव ही नहीं बल्कि अपना जनाधार भी लगातार खो रही है और यह प्रक्रिया आगे जारी रहने वाली है जिससे लोकसभा का चुनाव खासकर यूपी में एकतरफा न होकर काफी दिलचस्प व देश की राजनीति को नया करवट बदलने वाला साबित होगा. देश व 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भी भाजपा के घटते प्रभाव का असली कारण इनकी खुद की हवाहवाई कथनी व जनविरोधी करनी का योगदान अधिक है, जिससे सर्वसमाज व हर वर्ग एवं हर पेशे के लोग काफी दुःखी व त्रस्त हैं.

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