UP Politics: सपा नेता और पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या एक बार फिर से विवादों के घेरे में आ गए हैं. दरअसल, हाल ही में सपा नेता ने हिंदू धर्म को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी. उनके बयान के कारण साधु संत नाराज हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बारे में चर्चा करने के लिए अयोध्या से स्वामी परमहंस सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे हैं. हालांकि सपा प्रमुख ने संत परमहंस से मिलने के लिए कोई समय नहीं दिया है. स्वामी परमहंस ने इस मामले में बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान हिन्दू समाज का अपमान है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को भी साधु संत मानते हैं और उनको स्वामी के बयान का खंडन करना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्या अलग पार्टी बनाना चाहते हैं इसलिए लगातार बयानबाजी कर रहे हैं.
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद के एक ट्वीट ने कल से राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. उन्होंने अपने एक्स पर एक ट्वीट करते हुए लिखा था, “ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है. हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है. सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है.” इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है कि आदिवासी समाज से आने वाली राष्ट्रपति को मंदिर में जाने से रोक दिया जाता है.
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद साधु संतों के साथ कई अन्य लोगों में रोष देखने को मिला है. इस बीच खबर है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से नाराज साधु संत सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे हैं. गौरतलब है कि स्वामी का ये बयान उस वक्त आया है जब उत्तर प्रदेश की एक विधानसभा सीट घोसी पर 5 सितंबर को चुनाव होने हैं. वहीं, स्वामी के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है.
यह भी पढ़ेंः