Tech News: दिन भर आप भी करते हैं टेक्नोलॉजी का प्रयोग, इन बीमारियों के लिए रहें तैयार!

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Tech Disadvantage: टेक्नोलॉजी का नाम लेने भर से दिमाग में वो सारी चीजों की तस्वीर सामने आती है, जिसका प्रयोग आज के आधुनिक समय में हम करते हैं. तकनीकी के इस जमाने ने आम जीवन को पूरी तरीके से बदल कर रख दिया है. टेक्नोलॉजी इतनी आगे बढ़ गई है कि इससे बच पाना संभव नहीं है. आलम ये है कि लगभग सारे काम केवल एक क्लिक पर हो जा रहे हैं.

आज से कुछ साल पहले जो काम असंभव लगता था, वो आज के समय में आसानी से हो जा रहा है. आज के परिवेश में लोग इतने ज्यादा तकनीक के आदि हो गए हैं कि वो कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के शिकार हो जा रहे हैं. कई बार ये तकनीक यूजर्स की जितनी मदद करती है उनके काम को आसान बनाती है वो उतना ही उनके लिए घातक है. आज इस ऑर्टिकल हम बताने जा रहे हैं तकनीक के फायदे और नुकसान क्या हैं.

तकनीक के फायदे
आज के समय में तकनीक के बगैर कुछ भी आसान नहीं लगता है. टेक्नोलॉजी इस कदर तक आगे है कि लगभग सारे काम केवल एक क्लिक में हो रहे हैं. किसी का हाल चाल लेना हो, खाना बनाने का मन ना हो तो बाहर से खाना मंगाना हो. घर बैठे से किसी से पैसे लेने हो या फिर किसी को पैसे देने हो. ये सब कुछ केवल एक क्लिक पर हो पा रहा है. प्रतिदिन कितनी बार हम टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं हम खुद नहीं जानते. ऐसे में तकनीक के तमाम फायदे हमारे रोजमर्रा के जीवन में है.

तकनीक के नुकसान
टेक्नोलॉजी के जितने फायदे हैं उससे कहीं ज्यादा नुकसान भी है. तकनीक ने लोगों को इस कदर तक आलसी बना दिया है कि लोग एक जगह से दूसरे जगह मूवमेंट करने में भी कतरा रहे हैं. घर में बैठे बैठ ही सारे काम आसानी के साथ हो जा रहे हैं. रिमोट के जरिए टीवी,एसी यहां तक की पंखा ऑन ऑफ हो जा रहा है. वहीं, लगातार गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल आंखों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है. दूसरी ओर मोबाइल और टीवी के आने से लोगों ने परिवार से ही दूरियां बना ली हैं.

लाइलाज बीमारियों से लोग परेशान
टीवी, कम्प्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट के ज्यादा प्रयोग से कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं देखने को मिलती हैं. गैजेट्स के ज्यादा प्रयोग के कारण माइग्रेन, हाइपरटेंशन, एंग्जायटी और आंखों की दिक्कत हो सकती है. गैजेट्स के उपयोग से होने वाली कई बीमारियों का कोई भी परमानेंट इलाज नहीं है. जैसे माइग्रेन, हाइपर टेंशन और एंग्जायटी अगर किसी को होती है तो इसका कोई भी परमानेंट इलाज नहीं हैं.

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