Elon Musk Neuralink: इंसानी दिमाग में मस्क लगाएंगे मस्तिष्क, लकवाग्रस्त मरीजों पर होगा परीक्षण

Elon Musk’s Neuralink: दुनिया के टॉप अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) बहुत जल्द इंसानों के दिमाग में चिप लगाने वाले हैं. अगर ऐसा हो गया, तो आपके केवल सोचने भर से कंप्यूटर का कीबोर्ड और कर्सर काम करने लगेगा. मस्क की कपंनी न्‍यूरालिंक को इंसान के दिमाग में ब्रेन चिप (Brain Chip) लगाने की मंजूरी मिल चुकी है. कपंनी अब इसकी टेस्टिंग के लिए पहले पेशेंट की तलाश में है.

जानकारी के मुताबिक अगर ये ट्रायल सफल रहा, तो लकवाग्रस्त मरीज (paralyzed patients) न्यूरालिंक की वजह से एक बेहतर जिंदगी जी सकेंगे. ये जानकारी मस्क की स्टार्टअप कंपनी न्यूरोलिंक ने दी है.

मस्क 10 लोगों पर करना चाहते थे ट्रायल
एलन मस्क को उम्मीद थी कि न्‍यूरालिंक चिप को 10 लोगों पर ट्राई करने की मंजूरी मिल सकती है. हालांकि, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानी एफडीए ने सुरक्षा कारणों को देखते हुए कंपनी को 10 लोगों पर टेस्ट करने की मंजूरी नहीं दी है. फिलहाल, कोई ऐसी जानकारी सामने नहीं आई है, जिससे ये पता चले की न्यूरोलिंक कंपनी को कितने लोगों पर परीक्षण करने की परमिशन मिली है.

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सफल ट्रायल के बावजूद अभी नहीं होगा लोगों को फायदा
आपको बता दें कि मस्क की कंपनी टेस्टींग के दौरान एक रोबोट के जरिए इंसानों के दिमाग में BCI यानी ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस को इम्प्लांट करेगी. इसकी मदद से चिप हमारे दिमाग में आने वाले विचारों को एक्शन में कन्वर्ट करेगा और आगे कमांड देगा. इससे पहले कंपनी चिप की सहायता से एक्सटर्नल डिवाइसेस जैसे कीबोर्ड और माउस को कंट्रोल करेगी.

दरअसल, ये डिवाइस कमांड को रिसीव करके अपने आप काम करेगी. हालांकि, कंपनी को इसका अध्ययन पूरा करने में लगभग 6 साल का समय लगेगा. अगर BCI ह्यूमन ट्रायल सफल रहा, तो लकवाग्रस्त लोगों को इसका फायदा मिल सकेगा. साल 2020 में न्यूरालिंक ने एक कार्यशील बीसीआई का प्रदर्शन किया था. तब बंदर के दिमाग से कंप्यूटर कर्सर को नियंत्रित किया गया था.

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